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बेंगलुरु में तीन प्रवासी मजदूरों की दम घुटने से मौत

तीन प्रवासी मजदूरों की कर्नाटक के बेंगलुरु में दम घुटने से हो गई है। जिसमें से दो प्रवासी मजदूर झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर प्रखंड क्षेत्र के छोटामहुलडीहा गांव के टोला टोपापी के निवासी करीब 28 वर्षीय राम बुड़िऊली और 25 वर्षीय पवन कुमार कुंकुल हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 12 Aug 2020 11:56 PM (IST)Updated: Thu, 13 Aug 2020 06:19 AM (IST)
बेंगलुरु में तीन प्रवासी मजदूरों की दम घुटने से मौत

संसू, जगन्नाथपुर (पश्चिमी सिंहभूम) : तीन प्रवासी मजदूरों की कर्नाटक के बेंगलुरु में दम घुटने से हो गई है। जिसमें से दो प्रवासी मजदूर झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम जिले के जगन्नाथपुर प्रखंड क्षेत्र के छोटामहुलडीहा गांव के टोला टोपापी के निवासी करीब 28 वर्षीय राम बुड़िऊली और 25 वर्षीय पवन कुमार कुंकुल हैं। एक अन्य ओडिशा के झारसुगुड़ा जिले के थर्मल गांव का निवासी 26 वर्षीय बिरसा बिरुवा है। घटना 10 अगस्त देर रात की है। तीनों मजदूर बेंगलुरु में एक मेट्रो कंपनी में कार्यरत थे। करीब एक साल पहले अपने-अपने गांव से बेंगलुरु परिवार के पालन पोषण के लिए दो जून की रोटी कमाने गए थे। इधर खबर मिलते ही छोटामहुलडीया के टोपापी में मातम का महौल है। मृतकों की पत्नी, बच्चे तथा स्वजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

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सामाजिक कार्यकर्ता हरिश और मुन्ना तथा छोटामहुलडीया गांव के मुंडा ने बताया कि घटना की जानकारी उन्हे और उनके स्वजनों को 11 अगस्त की सुबह मिली। कंपनी में काम करनेवाले गांव के अन्य मजदूरों ने घटना की जानकारी दी थी।

मृतक पवन कुंकल के दो बच्चे हैं। एक 4 माह का बच्चा है। वहीं राम बुड़िउली के तीन बच्चे हैं। दोनों करीब एक साल पहले बेंगलुरु काम करने गए थे। 10 अगस्त की रात को अपने कमरे में गैस खाना पकाते-पकाते तीनों दरवाजा बंद करके सो गए। इस दौरान खाना का झाग गैस के चूल्हा पर गिर गया। खाना पकाने वाले बर्तन भी जल गया। इस दौरान न जाने कैसे सिलेंडर से गैस लिकेज होने लगी। दरवाजा अंदर से बंद होने के कारण गैस बाहर नहीं निकल पाई। तीनों मजदूर गहरी नींद में सो रहे थे। आशंका जताई जा रही है कि कमरे में गैस लिकेज के कारण ऑक्सीजन की कमी हो गई हो गई। जिससे तीनों की दम घुटने से मौत हो गई होगी। इधर मृतक के स्वजनों कम्पनी के ठेकेदार से बात की है। ठेकेदार के अनुसार तीनों का पोस्टमार्टम करा दिया गया है और कागजी प्रक्रिया पूरी करने के बाद शव को गांव भेजने की तैयारी चल रही है। वहीं क्षेत्र के समाजिक कार्यकर्ताओं ने कंपनी के मालिक से स्वजनों को उचित मुआवाजा दिलाने की मांग की है। साथ ही स्थानीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन से भी इस निर्धन परिवार को सहायता करने का अनुरोध किया है।


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