गोइलकेरा में बैंक के सुरक्षा गार्ड ने खुद को मारी गोली, मौत
बैंक ऑफ इंडिया की डलाईकेला शाखा के सुरक्षा गार्ड लंबोरा गंदुवा ( 51 वर्ष) ने सोमवार को बैंक परिसर में खुद को गोली मार ली।
संसू, गोइलकेरा (पश्चिमी सिंहभूम) : बैंक ऑफ इंडिया की डलाईकेला शाखा के सुरक्षा गार्ड लंबोरा गंदुवा ( 51 वर्ष) ने सोमवार को बैंक परिसर में खुद को गोली मार ली। इसकी जानकारी मिलते ही तत्काल एंबुलेंस व पुलिस को सूचना दी गई। थाना प्रभारी विकास कुमार के साथ मौके पर पहुंचे स्वास्थ्यकर्मियों ने जांच के बाद लंबोरा गंदुवा को मृत घोषित कर दिया। मृत गार्ड के सीने में बायीं ओर गोली लगी थी। थाना प्रभारी ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजने के साथ घटना की जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालांकि गार्ड ने आत्महत्या की या हत्या, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है। घटना सुबह करीब 11.50 बजे की है।
जानकारी के अनुसार, सोमवार को लंबोरा गंदुवा सुबह 9.30 बजे बैंक पहुंचा। लगभग 11 बजे बैंक खुला। बैंक पहुंच कर कैश निकालने के दौरान उसने अपनी दोनाली बंदूक निकाल कर स्टोर में चला गया। स्टोर रूम में गार्ड ने अपने बड़े बेटे चंद्रशेखर गंदुवा को 10 हजार रुपये का चेक साइन कर दिया तथा मंझले बेटे राकेश गंदुवा के साथ बातचीत की। स्टोर रूम से बात कर राकेश बाहर निकला। तभी गोली चलने की आवाज आई। गोली की आवाज सुनते ही बैंक में हड़कंप मच गया। किसी अनहोनी की आशंका से बैंक में तत्काल ताला लगा दिया गया और सभी स्टोर रूम की ओर भागे। वहां पहुंचने पर देखा कि गार्ड औंधे मुंह गिरा हुआ था तथा शरीर से खून निकल रहा था। यह देख बैंक कर्मियों ने एंबुलेंस को कॉल करते हुए पुलिस को भी घटना की सूचना दी।
इधर, घटना की खबर मिलने के बाद बैंक पहुंचे सर्किल इंस्पेक्टर संतोष कुमार ने सभी कर्मचारियों से पूछताछ की। शाखा प्रबंधक की गैर मौजूदगी में सहायक शाखा प्रबंधक अमित बोदरा ने उन्हें घटना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। करीब तीन घंटे के बाद एलडीएम फुदन मुर्मू व शाखा प्रबंधक सुशांत कुमार विश्वास भी बैंक पहुंचे। पुलिस बैंक में लगे सीसीटीवी फुटेज के जरिये साक्ष्य खंगाल रही है।
2008 से पदस्थापित थे लंबोरा गंदुवा
लंबोरा गुंदुवा 2006 में बीएसएफ से वीआरएस लेकर लौटे तथा 2008 में बैंक ऑफ इंडिया की शाखा में गार्ड के रूप नौकरी करते आ रहे थे। मूल रूप से गोइलकेरा पंचायत के टोड़ंगसाई गांव के निवासी गंदुवा के परिवार में तीन लड़के व तीन लड़कियां हैं। वे पिछले दो वर्षों से डायबिटीज से परेशान थे तथा किडनी की समस्या के कारण डायलिसिस कराना पड़ रहा था। जिसके कारण मानसिक तनाव से गुजर रहे थे।
बीस दिन पूर्व ही बैंक के लौटायी गई थी बंदूक
गार्ड ने आत्महत्या क्यों की, इस पर संदेह व्याप्त है। प्रथमदृष्टया जांच में ऐसा कुछ साफ नहीं हो पाया है की आत्महत्या की नौबत गार्ड को क्यों आई। घटना के वक्त गार्ड सिविल ड्रेस में था। ऐसे में उसे गन क्यों दे दी गई, इस बिंदु पर भी पुलिस जांच कर रही है। लोकसभा चुनाव के दौरान पुलिस को ओर से जमा ली गई बंदूक 20 दिन पूर्व ही बैंक को सुपुर्द की गई थी। गार्ड की तबीयत खराब थी, फिर भी क्यों उनसे काम लिए जा रहा था, यह भी एक सवाल लोग उठा रहे हैं। बहरहाल सर्किल इंसपेक्टर संतोष कुमार ने कहा कि अनुसंधान होने के बाद ही तस्वीर साफ हो पाएगी कि उनकी आत्महत्या के पीछे क्या वजह थी।
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कोट
कोरोना के भय से आत्महत्या कर लिए जाने का मामला नहीं दिखता है। प्रथमदृष्टया यह आत्महत्या का मामला दिखता है। अनुसंधान के बाद ही पता चलेगा कि उन्होंने आत्महत्या क्यों की है। -संतोष कुमार, सर्किल इंस्पेक्टर, सोनुवा