टीबी मरीजों की खोज में सहियाओं का अहम रोल : सीएस
संवाद सहयोगी चाईबासा 2025 तक टीबी मुक्त देश को घोषित करने का लक्ष्य है।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : 2025 तक टीबी मुक्त देश को घोषित करने का लक्ष्य है। लेकिन बिना सहयोग के असंभव है। इसमें सहियायों का रोल बहुत ही अहम है। वो ही गांव-गांव में घूम-घूमकर मरीजों की पहचान कर सकती हैं। मरीज में टीबी के लक्षण पाए जाने पर समुचित इलाज कर उसे ठीक किया जा सकता है। यह बातें रविवार को विश्व यक्ष्मा दिवस पर सदर अस्पताल स्थित जिला यक्ष्मा केंद्र में आयोजित जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सिविल सर्जन डॉ. मंजु दुबे ने कही है। सदर अस्पताल उपाधीक्षक डॉ. जगन्नाथ हेंब्रम ने कहा कि सभी मिलकर ऐसा करें कि इस को मनाने की जरूरत ही न पड़े। इसके लिए सहिया, स्वास्थ्य कर्मी व चिकित्सक सहित मरीजों को अपना रोग छिपाना नहीं बल्कि डटकर उसका इलाज कराना है। जिला यक्ष्मा पदाधिकारी संजय कुजूर ने कहा कि समाज में फैली भ्रांति को दूर करने के लिए ज्यादा से ज्यादा जागरूकता अभियान चलाया जाएं। टीबी उपचार एवं सहयोग के लिए प्रोत्साहन हेतु प्रत्येक प्रखंडों से उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाली दो-दो सहिया को चयनित कर सम्मानित किया गया। साथ ही जिला में सहयोगी प्रोजेक्ट अक्षय परियोजना (कैथोलिक हेल्थ एसोसिएशन ऑफ इंडिया) एवं उनके तीन सामुदायिक कार्यकर्ता विकास कुमार प्रधान, केदार हेंब्रम व अनिल कुमार महतो, दो सहयोगी संस्था लाइफ एड एवं मेप्सा को भी सम्मानित किया गया। मौके पर डॉ. पीएस मल्लिक, डॉ. दिलीप कुमार सिन्हा, लेखा प्रबंधक ब्रजेश झा सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन अवनीश सिंह ने किया।
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सम्मान पाने वाली सहिया : पार्वती बारी, सीता सवैया, सोनी कुमारी झा, कविता देवी, संध्या सिंह कुंटिया, सीता हेस्सा, जसमीन बिरुवा, नागी मारडी, प्रतिमा दास, जसमीन गुड़िया, मरियम बिरुली, लक्ष्मी पुरती, एकता हेंब्रम, सुशीला कुई, चंदा मलिक, सुनीता तामसोय, संगीता गोप, सीता हेंब्रम, गुरुवारी बोयपाई, गोरवारी हेस्सा, उर्मिला हेंब्रम, ललिता तिरिया, बुधनी बोबोंगा, दीपिका सिकू, सुभासी हांसदा, मनीषा बोदरा, लक्ष्मी बिरुवा, सुमित्रा देवी सहित अन्य शामिल है।