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शाह ब्रदर्स को 5 लाख 70 हजार मीट्रिक टन लौह अयस्क उठाव की मिली अनुमति

लौह अयस्क के कारोबार से जुड़ी शाह ब्रदर्स कंपनी को अपनी करमपदा लौह अयस्क खदान में स्टाक अयस्क के उठाव व बिक्री की अनुमति मिलने से बड़ी राहत मिली है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 24 Nov 2020 07:45 PM (IST)Updated: Tue, 24 Nov 2020 07:45 PM (IST)
शाह ब्रदर्स को 5 लाख 70 हजार मीट्रिक टन लौह अयस्क उठाव की मिली अनुमति

सुधीर पांडेय, चाईबासा : लौह अयस्क के कारोबार से जुड़ी शाह ब्रदर्स कंपनी को अपनी करमपदा लौह अयस्क खदान में स्टाक अयस्क के उठाव व बिक्री की अनुमति मिलने से बड़ी राहत मिली है। कंपनी अब खदान में खननकर रखा गया करीब 5 लाख 70 हजार मीट्रिक टन लौह अयस्क अब बिक्री कर सकेगी। इससे कंपनी को 400 करोड़ से ज्यादा की आमदनी होगी। हालांकि बिक्री से जो भी रकम प्राप्त होगी वो सारी रकम राज्य सरकार के कोष में जमा होगी। जिला खनन विभाग ने शाह ब्रदर्स पर करीब 160 करोड़ रुपये का डिमांड और करीब 42 करोड़ रुपये ब्याज मिलाकर कुल 200 करोड़ से ज्यादा का जुर्माना लगा रखा है। खदान में स्टॉक कर रखा लौह अयस्क की बिक्री से प्राप्त राशि को उक्त जुर्माना में समायोजन किया जाएगा। इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट से आदेश आने के बाद खान सचिव ने पश्चिमी सिंहभूम के जिला खनन पदाधिकारी की निगरानी में जमा लौह अयस्क के उठाव व बिक्री का आदेश 18 नवंबर को दे दिया है। सरकार से आदेश प्राप्त होने के बाद अब जिला खनन विभाग ने आगे की प्रक्रिया शुरू कर दी है। शाह ब्रदर्स को पश्चिमी सिंहभूम जिला के सारंडा क्षेत्र में अवस्थित करमपदा में 233.99 हेक्टेयर में लौह अयस्क खदान का पट्टा मिला हुआ है। यह कंपनी चाईबासा के उद्योगपति राजकुमार शाह की है। इसकी लीज अवधि नौ जुलाई 2022 तक है। खान विभाग ने 4 जनवरी 2019 को कंपनी की लीज समाप्त कर दी थी। लीज समाप्त करने के खिलाफ कंपनी उच्च न्यायालय चली गई थी। वर्तमान में यह मामला उच्च न्यायालय में लंबित है। जिस समय लीज समाप्त की गई थी उस समय खदान के स्टाक यार्ड में 5 लाख 70 हजार मीट्रिक टन लौह अयस्क खनन कर जमा किया गया था। कंपनी प्रबंधन ने स्टॉक यार्ड में रखे लौह अयस्क के उठाव को लेकर उच्च न्यायालय में याचिका दायर की थी। कोर्ट ने एक अक्टूबर 2020 को राज्य सरकार को चार सप्ताह के भीतर मामले में उचित निर्णय लेने का आदेश दिया था। इसके आलोक में खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से 19 अक्टूबर 2020 को सुनवाई की गयी। सभी पक्ष सुनने के बाद 18 नवंबर 2020 को खान एवं भूतत्व विभाग की ओर से इस संबंध में उक्त आदेश जारी किया गया है।

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