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पश्चिमी सिंहभूम की सात खनन कंपनियों पर लगा 700 करोड़ रुपये का जुर्माना Chaibasa News

एक साथ आधा दर्जन से ज्यादा लौह अयस्क कंपनियों पर पहली बार केस होने से मचा हड़कंप जिला खनन विभाग ने सूद समेत रकम की वसूली के लिए चाईबासा में किया नीलाम पत्र वाद दायर

By Vikas SrivastavaEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 08:08 PM (IST)Updated: Thu, 14 Nov 2019 04:18 PM (IST)
पश्चिमी सिंहभूम की सात खनन कंपनियों पर लगा 700 करोड़ रुपये का जुर्माना Chaibasa News
पश्चिमी सिंहभूम की सात खनन कंपनियों पर लगा 700 करोड़ रुपये का जुर्माना Chaibasa News

चाईबासा (सुधीर पांडेय)। झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम में अवस्थित लौह अयस्क खदानों से सूद समेत जुर्माना वसूलने की प्रकिया सरकार ने शुरू कर दी। जिला खनन विभाग ने सात लौह अयस्क खदानों पर करीब 700 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इतनी बड़ी रकम की वसूली के लिए विभाग ने उपनिदेशक भूतत्व कार्यालय सह नीलाम पत्र पदाधिकारी (खनन) संतोष कुमार सिंह के समक्ष नीलाम पत्र वाद दायर कर दिया है। जुर्माना राशि नहीं चुकाने की स्थिति में संबंधित लौह अयस्क कंपनियों से जुड़ी सभी प्रकार की संपति की नीलामी करने की चेतावनी दी गयी है। साथ ही कंपनियों का खाता भी सीज करने के लिए कहा है। पश्चिमी सिंहभूम में जिला खनन पदाधिकारी के कार्यालय से पहली बार खनन कंपनियों के खिलाफ नीलाम पत्र वाद दायर करने की कार्रवाई की गई है। इससे सभी संचालकों में हड़कंप मच गया है। यहां बता दें कि दरअसल जिन खनन कंपनियों पर केस किया गया है, वर्तमान में उनमें से अधिकतर की खदानें बंद हैं। ऐसे में इतनी बड़ी देय राशि कंपनियां कैसे चुकायेंगी, यह एक बड़ा प्रश्न है।

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31 दिसंबर 2017 में ही जमा करनी थी खनिज मूल्य की राशि, 24 फीसद जुड़ गया ब्याज

सर्वोच्च न्यायालय ने 2 अगस्त 2017 को कॉमन कॉस के एक मामले में सुनवाई करते हुए सभी प्रकार की वैधानिक अनापत्ति प्राप्त किये बिना किये गये खनन में कंपनियों से खनिज मूल्य की वसूली का आदेश पारित किया था। आदेश था कि सभी संबंधित लौह अयस्क खनन कंपनियों को 31 दिसंबर 2017 तक खनिज मूल्य मद में प्राप्त राशि को सरकार के खाते में जमा कर देना था। पश्चिमी सिंहभूम की करीब 16 खनन कंपनियों ने निर्धारित समय पर राशि जमा नहीं की है। अब खनन विभाग ने मूल बकाया राशि पर 1 जनवरी 2018 से 31 अक्टूबर 2019 तक कुल 20 माह यानि 699 दिन का 24 फीसद प्रति वर्ष के हिसाब से सूद जोड़ते हुए रकम की वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर किया है। हालांकि करीब नौ खनन कंपनियों ने लगायी गयी जुर्माना राशि के खिलाफ हाइकोर्ट में केस कर रखा है। वहां मामला लंबित चल रहा है।

इन कंपनियों पर दायर हुआ है नीलाम पत्र वाद

कंपनी का नाम         सूद समेत देय राशि

ओएमएम लिमिटेड - 1248435922

श्रीराम मिनिरल्स कंपनी - 679186327

सीपी शारडा         - 16349472

मेसर्स पीके जैन ठाकुरानी - 4819905237

मेसर्स पीके जैन राजाबेड़ा - 103901689

खटाऊ लीलाधर ठक्कर - 49167856

मेसर्स मित्रा घोष एंड कंपनी - 10484139

ये कंपनियां हैं कोर्ट में

1. सेल मेघाहातुबुरू

2. सेल किरीबुरू

3. सेल धोबिल

4. सेल सुकरीलुतुबुरू

5. सेल गुवा

6. बीएल नेवटिया (तीन माइंस)

7. ऊषा मार्टिन

कॉमन कॉस से जुड़े सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में हम लोगों ने अगस्त 2017 में ही जिले की खनन कंपनियों को डिमांड लेटर (मांग पत्र) दिया था। चूंकि संबंधित कंपनियों ने निर्धारित समय पर डिमांड के अनुसार राशि जमा नहीं की इसलिए उसकी सूद सहित वसूली के लिए नीलाम पत्र वाद दायर किया गया है। डिमांड के अनुसार राशि नहीं देने पर कंपनियों के खिलाफ खनन कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी।

संजीव कुमार, जिला खनन पदाधिकारी, चाईबासा।


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