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जाली दस्तावेज बनाने वाला राहुल केसरी गया जेल

जाली दस्तावेज बनाने वाले नमन प्रदूषण संचालक राहुल केसरी भेजे गए जेल

By JagranEdited By: Published: Sat, 09 Oct 2021 07:18 PM (IST)Updated: Sat, 09 Oct 2021 07:18 PM (IST)
जाली दस्तावेज बनाने वाला राहुल केसरी गया जेल

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : पश्चिम सिंहभूम जिले के बड़ाजामदा ओपी पुलिस ने शनिवार को जाली दस्तावेज बनाने के आरोप में नमन प्रदूषण केंद्र संचालक राहुल केसरी को गिरफ्तार कर चाईबासा जेल भेज दिया है। केंद्र से जब्त तीन लैपटॉप समेत आवश्यक दस्तावेज को जब्त कर थाने ले जाया गया है। पुलिस ने बताया कि राहुल केसरी वर्षों से बड़ाजामदा में रहकर गाड़ियों से संबंधित फर्जी इंश्योरेंस बनाने के नाम पर दोगुनी राशि वसूली करने, गाड़ी के परमिट को एडिट करने, ओडिशा के प्रदूषण सर्टिफिकेट झारखंड में मान्य नहीं होने की बात कहकर वाहन मालिकों को गुमराह करता था। प्रदूषण सर्टिफिकेट बनाने के लिए डेढ़ से दो सौ रुपये लेता था। इससे उसे अच्छा खासा पैसे भी मिल जाता था। इससे नाराज वाहन मालिकों ने इसके विरोध में मोर्चा खोल दिया था। उन्होंने प्रदूषण सर्टिफिकेट केंद्र संचालक राहुल केसरी को जेल के सलाखों के पीछे भेजने की रणनीति तैयार की। बस क्या था इसकी सूचना परिवहन विभाग और उच्चाधिकारियों को दी गई। उच्चाधिकारियों से दिशा निर्देश मिलते ही जगन्नाथपुर एसडीओ शंकर एक्का ने नोवामुंडी सीओ सुनील चंद्र और बड़ाजामदा ओपी प्रभारी शोभनाथ सोरेन को लेकर दुकान को सील कर दिया था। केंद्र संचालक भी प्रशासन से होशियारी के मामले में दो कदम आगे निकला। राज मिस्त्री को बुलाकर आधी रात को दुकान की दीवार मे छेदकर जाली दस्तावेज और पेन ड्राइव को गायब कर दिया था। स्थानीय लोगों को पहले से पता था कि रात के अंधेरे में केंद्र से कागजात गायब कर सकता है। इसी को लेकर स्थानीय लोग उसपर नजर रखे हुए थे। मौका पाकर संचालक के इशारे पर राजमिस्त्री ने दीवार को छेद कर दिया। चौकीदारी कर रहे लोगों को दीवार छेद करने की भनक लगते ही नींद खुल गई। उन्होंने स्थानीय पुलिस को सूचना देकर घटनास्थल बुला लिया। मौके पर पहुंची पुलिस ने राहुल केसरी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर थाने ले गई। शुक्रवार को किरीबुरू एसडीपीओ अजीत कुमार कुजूर, किरीबुरू इंस्पेक्टर बिनोद एक्का, नोवामुंडी सीओ सुनील चंद्र और ओपी प्रभारी के मौजूदगी में सील किए गए दुकान में शेष बचे दस्तावेज और तीन लैपटॉप को बरामद कर थाने ले गया था। पूछताछ के दौरान सारी हकीकत सामने आई। पुलिस ने मामले को लेकर गिरफ्तार केंद्र संचालक को चाईबासा जेल भेज दिया। चर्चा है कि यदि इसका पेन ड्राइव पुलिस के हाथ लगता तो पुलिस को बड़ी सफलता मिल सकती थी।

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