आर्केस्ट्रा व छऊ नृत्य होगा मुख्य आकर्षण
फोटो संख्या-15 जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : चक्रधरपुर के सबसे पुराने आदि पूजा समिति की द
जागरण संवाददाता, चक्रधरपुर : चक्रधरपुर के सबसे पुराने आदि पूजा समिति की दुर्गोत्सव तैयारियां लगभग पूरी हो चुकी है। समिति पुराना बस्ती स्थित गुंडिचा मंदिर में दुर्गोत्सव का आयोजन करेगी। 1912 में स्थापित समिति अपना डायमंड जुबली वर्ष मना चुकी है। पोड़ाहाट राजघराने से जुड़े दुर्गोत्सव का अपना ऐतिहासिक महत्व है। यहां पूजा में परंपरा व विधि-विधान का का पूरा ख्याल रखा जाता है। भक्तों को मां अंबे की प्रतिमा में आलौकिकता के दर्शन होते हैं। मां की प्रतिमा का विसर्जन मशाल जुलूस के साथ कंधों पर निकाला जाता है। बगैर आडंबर के पूजा की सादगी व आस्था पर विशेष ध्यान दिया जाता है। यहां शिल्पकार मां दुर्गा की प्रतिमा को परंपरा के मुताबिक स्वरूप देने में लगे हैं। विद्युत साज-सज्जा का कार्य जारी है। श्री श्री आदि पूजा समिति का पंडाल भक्तों के लिए महाषष्ठी को खुलेगा। 7 अक्टूबर को संध्या 6 बजे बेल्याभिलाष होगा। महासप्तमी पूजा 8 अक्टूबर की सुबह 8 बजे होगी। महाष्टमी पूजन 9 अक्टूबर को सुबह साढ़े 7 बजे होगी। महाष्टमी को रात 8 बजे से भक्ति संगीत आर्केस्ट्रा का आयोजन होगा। इसी दिन ही संधि पूजा सुबह साढ़े 9 बजे होगी तथा संधि बलि रात 10:39 बजे दी जाएगी। महानवमी पूजा 10 अक्टूबर की सुबह साढ़े 9 बजे होगी। इसी रात 8 बजे से सरायकेला के कलाकार छऊ नृत्य प्रस्तुत करेंगे। 11 अक्टूबर को महादशमी पूजा सुबह साढ़े 8 बजे होगी। शाम 7 बजे गुंडिचा मंदिर से श्रद्धालुओं के कंधों पर मां आदि शक्ति की प्रतिमा का विसर्जन मशाल जुलूस के साथ निकलेगा। गुंडिचा मंदिर में 7 से 11 अक्टूबर तक दुर्गोत्सव का आयोजन होगा। इसके बाद गुंडिचा मंदिर में 15 अक्टूबर को शाम 7:30 बजे लक्ष्मी पूजा होगी।
आयोजन समिति पर एक नजर
* समिति- श्री श्री आदि पूजा समिति, पुराना बस्ती।
* स्थापना- 1912।
* अध्यक्ष- राजेश रंजन होता।
* उपाध्यक्ष- पतंजलि महापात्रो, दिनेश जेना।
* सचिव- अशोक षाड़ंगी।
* सह सचिव- असीत मोदक, सपन मिस्त्री।
* कोषाध्यक्ष- पवित्र मोहन मंडल।
पूजा के आकर्षण
* पूजा पंडाल, प्रतिमा व विद्युत साज-सज्जा पर खर्च- लगभग 3 लाख।
* संधि पूजा व संधि बलि- महाष्टमी को सुबह साढ़े 9 बजे व रात 19:39 बजे।
* भक्ति संगीत आर्केस्ट्रा- महाष्टमी को रात 8 बजे से।
* सरायकेला का छऊ नृत्य कार्यक्रम- महानवमी को रात 8 बजे से।
* विसर्जन- महादशमी 11 अक्टूबर को कंधों पर मशाल जुलूस के साथ।