आठ दिनों से लापता मनमोहन का शव चोरकु कोचा जंगल के एक कुंआ से बरामद
मनोहरपुर थाना क्षेत्र के रेंगालबेड़ा माठाकुदर टोला निवासी 26 वर्षीय मनमोहन तांती जो पिछले आठ दिन से लापता था।
संवाद सूत्र, मनोहरपुर : मनोहरपुर थाना क्षेत्र के रेंगालबेड़ा, माठाकुदर टोला निवासी 26 वर्षीय मनमोहन तांती जो पिछले आठ दिन से लापता था। नौ दिन बाद उसका शव चोरकुकोचा जंगल के एक पुराने सिचाई कुंआ में मिला। मंगलवार को आनंदपुर व मनोहरपुर थाना पुलिस ने मनमोहन तांती का शव पांडुबुरु स्थित झारबेड़ा पंचायत भवन से लगभग दो किमी दूर चोरकु कोचा जंगल स्थित एक सिंचाई कुंआ से अर्धनग्न अवस्था में बरामद किया। अज्ञात अपराधियों ने मनमोहन की हत्या कर शव को चोरकु कोचा जंगल के एक कुंआ में डाल दिया था। रेंगालबेड़ा माठाकुदर टोला निवासी मनमोहन तांती बीते 10 जनवरी की शाम से लापता था। उस दिन शाम को मनमोहर तिलिदीरी पाड़ा घूमने गया था। उसके बाद वह वापस घर नहीं लौटा था। ज्ञात हो कि मनमोहन के लापता होने को लेकर मनमोहन के भाई ललित तांती ने झारबेड़ा पंचायत के मुखिया सहित तीन लोगों पर संदेह व्यक्त करते हुए पुलिस अधीक्षक चाईबासा व आनंदपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने झारबेड़ा व तिलिंगदीरी के कुछ लोगों से पूछताछ व खोजबीन के बाद मंगलवार को मनमोहन का शव बरामद कर लिया। पुलिस सूत्रों की मानें तो मनमोहन की हत्या के आरोपितों की जल्द गिरफ्तारी होगी।
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धोखाधड़ी के मामले में फरार वारंटी गिरफ्तार, भेजा गया न्यायिक हिरासत
संवाद सूत्र, मनोहरपुर : आनंदपुर पुलिस ने धोखाधड़ी के मामले में फरार चल रहे वारंटी पॉलीकार बुढ़ नामक व्यक्ति को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। आरोपित आनंदपुर थाना क्षेत्र के बेड़ाकेंदुदा पंचायत अंतर्गत बुरुकेंदुदा निवासी है। चाईबासा निवासी देवाशीष दास ने कोर्ट में यह शिकायत की थी कि आरोपित पॉलीकार बुढ़ ने वर्ष 2016 में जमीन की खरीद बिक्री के दौरान पीड़ित देवाशीष दास से 60 हजार रुपया उधार लिया था और इस क्रम में उसने देवाशीष को एक बैंक का ब्लैंक चेक जमा दिया था और कहा था कि इसको 15 दिन के अंदर जमाकर निकाल लेना। पीड़ित ने जब दिए गए दिन के अनुसार बैंक जाकर चेक को भंजाना चाहा तो पता चला कि उसके खाते में पैसे नहीं हैं। इसके बाद पीड़ित देवाशीष ने पॉलीकार बुढ़ को फोनकर इस बात की जानकारी दी और कहा कि वह चेक बाउंस कर देगा। तब उसने आश्वासन दिया कि वह जल्द ही उधार लिए हुए पैसे लौटा देगा। मगर ऐसा नहीं हुआ और दिन गुजरते गए, मजबूरन देवाशीष ने कोर्ट में लिखित शिकायत कर दी थी। जिसके बाद आनंदपुर थाने में छह जून 2016 को धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था।