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हजारों श्रद्धालुओं ने वैतरणी नदी में लगाई आस्था की डुबकी

ारखंड-ओडिशा सीमा पर स्थित वैतरणी नदी क्षेत्र में स्थित रामतीर्थ में साल के पहले पर्व मकर के पावन अवसर पर सोमवार अहले सुबह हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र वैतरणी नदी में डुबकी लगाई।

By JagranEdited By: Published: Mon, 14 Jan 2019 08:14 PM (IST)Updated: Mon, 14 Jan 2019 08:14 PM (IST)
हजारों श्रद्धालुओं ने वैतरणी नदी में लगाई आस्था की डुबकी
हजारों श्रद्धालुओं ने वैतरणी नदी में लगाई आस्था की डुबकी

संवाद सूत्र, जैंतगढ़ : झारखंड-ओडिशा सीमा पर स्थित वैतरणी नदी क्षेत्र में स्थित रामतीर्थ में साल के पहले पर्व मकर के पावन अवसर पर सोमवार अहले सुबह हजारों श्रद्धालुओं ने पवित्र वैतरणी नदी में डुबकी लगाई। मौके पर श्रद्धालुओं ने रामतीर्थ धाम, नीलकंठ संगम, केसरकुंड एवं जैंतगढ़ वैतरणी घाट पर पवित्र स्नान किया। श्रद्धालुओं ने स्नान के समय वैतरणी में मकर पीठा का विसर्जन किया। स्नान के पश्चात लोगों ने लोड़ी जलाई। दही चूड़ा, तिलकुट व गुड़ पीठा का सेवन कर बुजुर्गों से आशिर्वाद लेने के पश्चात दान-पुन्य कर मंदिरों में विशेष पूजा अर्चना की। इस अवसर पर भक्तों ने भगवान शिव के चरण में बेल पत्ता, भांग और दूध चढ़ाकर अपनी मनोकामना पूरी करने की प्रार्थना की। इस दौरान रामतीर्थ मंदिर में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने रामेश्वरम शिव मंदिर में पूजा करने के साथ सीताराम मंदिर , श्रीराम जी के पदचिन्ह, जगन्नाथ मंदिर, मां पार्वती, श्री गणेश, बजरंबली आदि के मंदिरों में भी पूजा-अर्चना की ---

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पितरों व कुल देवी को किया अर्पण

स्नान के बाद बाउड़ी का बना अरवा चावल पीठा को घर के बुजुर्गो ने स्नान के पश्चात नए वस्त्र धारण कर कुल देवी व पितरों को भक्ति पूर्वक अर्पण किया। मिट्टी के बर्तन में बने पकवान

मकर संक्रांति पर मिट्टी के बरतन का विशेष महत्व होने के कारण घरों में मिट्टी के बरतन मे ही तरह-तरह के पीठे बनाए गए। जिसे घरों मे सेवन के बाद पड़ोसियों में वितरित किया गया। घरों मे हुई विशेष पूजा

मकर पर्व के अवसर पर मदिरों के साथ-साथ घरों में भी विशेष पूजा-अर्चना हुई। मौके पर हर्षोल्लास के साथ पर्व मनाया गया। मेले में उमड़ी भीड़

मकर संक्रांति के अवसर पर रामतीर्थ धाम, केसरकुंड, बाराटिबरा और गोरिया डूबा आदि क्षेत्र में विशाल धार्मिक मेला लगा। इस दौरान रामतीर्थ में लाखों की संख्या में भीड़ जुटी। यहां भक्तों ने पूजा-अर्चना के बाद मेले का आनंद लिया। मेले में झारखंड के पश्चिम एवं पूर्वी ¨सहभूम, सरायकेला-खरसावां, ओडिशा के केंवझर, सुंदरगढ़ और मयूरभंज से लाखों की संख्या में श्रद्धालु जुटे। मेले में झूला, ब्रेक डांस झूला, कठपुतली नाच और मैजिक आदि मुख्य आकर्षण का केंद्र रहा। मेले में बच्चे एवं महिलाएं खिलौनों की खरीदारी में व्यस्त रहे। इस दौरान लोगों ने परंपरा के अनुसार मेले से फेनी, लाई और ईख की खरीदारी की। मेले को लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी उत्साह दिखा। लोग शौक से दस से पंद्रह किलोमीटर की दूरी पैदल तय कर मकर के गीत गाते हुए मेला पहुंचे। वाहनों मे लटक कर मेले तक पहुंचने की होड़ मची रही। कुछ लोग तो बैलगाड़ी और ट्रैक्टर पर सवार होकर मेला पहुंचे। प्रशासन रहा चुस्त

मेले में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए प्रशासन पूरी तरह मुस्तैद रहा। चाईबासा एवं जगन्नाथपुर से पुलिस बल हर मोर्चे पर तैनात रहा। इस दौरान जगन्नाथपुर के थाना प्रभारी मधुसुदन मोदक के द्वारा पुलिस सहायता केंद्र का मंच बनाया गया और साथ ही मेले में खोया-पाया मंच बनाया गया तथा मेला कमेटी के सदस्य भी विधि-व्यवस्था बनाए रखने मे सक्रिय रहे। वहीं चिकित्सा सुविधा के लिए झारखंड स्टेट ऑफ ट्रस्ट के इंचार्ज अरूण अभाकर स्वास्थ्य कर्मियों के साथ श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य सेवा सुविधा प्रदान करने में सक्रिय रहे। वहीं मकर मेला के अवसर पर राजनीतिक लोग भी मेले में आए जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा धर्म पत्नी गीता कोड़ा एवं भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सह सांसद लक्ष्मण गिलुवा उपस्थित रहे। इस दौरान नेताओं ने रामेश्वर मंदिर पहुंचकर रामेश्वर शिव मंदिर, प्रभु श्री राम के पद चिन्ह पर पूजा-अर्चना की तथा मकर मेला में आए सभी श्रद्धालुओं को मकर सक्रांति की शुभकामनाएं दी।


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