मंदिरों में आज होगी महाप्रभु जगन्नाथ की पूजा-अर्चना, नहीं निकलेगा रथ
पश्चिम सिंहभूम जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर इस वर्ष भी महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी। रथयात्रा पर्व 12 जुलाई यानि सोमवार को है। ि
जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले में कोरोना संक्रमण को लेकर इस वर्ष भी महाप्रभु जगन्नाथ की रथ यात्रा नहीं निकाली जाएगी। रथयात्रा पर्व 12 जुलाई यानि सोमवार को है। जिले में जहां-जहां महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा की पूजा आयोजन किया जाता है, वहां के पुरोहितों ने मंदिर में पूजा-पाठ की पूरी तैयारी कर ली है। सोमवार को चाईबासा के सदर बाजार स्थित जगन्नाथ मंदिर में पुरोहित की ओर से पूजा-पाठ कर महाप्रभु जगन्नाथ, भाई बलभद्र व बहन सुभद्रा को मौसीबाड़ी ले जाया जाएगा, लेकिन रथ पर सवार होकर नहीं बल्कि भक्त अपनी सुविधानुसार भगवान की प्रतिमा लेकर जाएंगे। साथ ही कई मंदिरों में ही मौसीबाड़ी बनाया गया है। रथ यात्रा तो पूरे जिले में कही नहीं निकलेगी। इसके लिए जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन ने पहले ही पूजा कमेटियों को सूचित कर दिया है। यह दूसरा वर्ष है जो रथ यात्रा नहीं निकलेगी। कोविड-19 महामारी को देखते हुए इस साल मंदिर में रथयात्रा यात्रा पर रोक लगा दी है। इसके कारण मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम को रद्द कर दिया गया है। बड़ाजामदा के निकट स्थित ओडिशा बार्डर लक्ष्मी नारायण मंदिर में रविवार को भक्तों की ओर से निर्धारित गाइड लाइन का पालन करने के लिए कमेटी के सदस्यों एवं बड़ाजामदा तथा नालदा के लोगों को अपील किया गया कि सोमवार सुबह से पुजारी की ओर से विधि-विधान के साथ पूजा किया जाएगा। लक्ष्मी नारायण मंदिर में महाप्रभु जगन्नाथ को अस्थायी रूप से मौसीबाड़ी बनाया जा रहा है। कमेटी की ओर से कहा गया कि भक्त मास्क पहनकर ही मंदिर में प्रवेश कर सकते है। इसके साथ ही मंदिर प्रांगण को सैनिटाइज किया गया। बड़ाजामदा के ओडिशा बार्डर स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर की रथयात्रा काफी पुराना इतिहास रहा है।