सारंडा के मूलवासियों के समर्थन में उतरा झामुमो, अभयारण्य के खिलाफ सड़क से सदन तक लड़ाई
झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) सारंडा के मूल निवासियों के समर्थन में आगे आया है। पार्टी ने घोषणा की है कि वे अभयारण्य के खिलाफ सड़क से लेकर विधानसभा तक संघर्ष करेंगे, क्योंकि इससे स्थानीय लोगों के जीवन और आजीविका पर असर पड़ेगा। झामुमो का कहना है कि वह मूल निवासियों के अधिकारों की रक्षा के लिए हर संभव प्रयास करेगी और सरकार से इस योजना पर पुनर्विचार करने का आग्रह करेगी।

बुधवार को चाईबासा परिसदन में आयोजित जिला झामुमो समिति की बैठक में भाग लेतीं सांसद जोबा मांझी।
जागरण संवाददाता, चाईबासा। सारंडा अभयारण्य का विरोध कर रही कोल्हान-पोड़ाहाट, सारंडा बचाओ समिति की ओर से 16 नवंबर को घोषित आर्थिक नाकेबंदी को झामुमो ने नैतिक समर्थन दिया है।
बुधवार को चाईबासा परिसदन में आयोजित जिला झामुमो समिति की बैठक में इस प्रस्ताव को सर्वसम्मति से पारित किया गया। बैठक में सांसद जोबा मांझी ने कहा कि सारंडा के आदिवासी मूलवासी को उजाड़ने की किसी भी कोशिश का विरोध किया जाएगा।
जोबा मांझी ने आरोप लगाया कि सारंडा वन्य जीव अभयारण्य बनाने के पीछे केंद्र सरकार की साजिश है। इसे उद्योगपतियों के हितों के लिए आगे बढ़ाया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि उद्योगपति गौतम अडानी की नजर सारंडा पर है और आदिवासी जमीन को खाली कराने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने दावा किया कि बलिदानी देवेंद्र माझी द्वारा बसाई गई कई बस्तियां अब भी संघर्ष के प्रतीक हैं।
ऐसे गांवों को उजाड़ने की किसी भी योजना का झामुमो कड़ा प्रतिरोध करेगा। सांसद ने कहा कि सांस्कृतिक और अस्तित्व से जुड़े अधिकारों की रक्षा के लिए लड़ाई सड़क से लेकर संसद तक लड़ी जाएगी।
उन्होंने भरोसा दिलाया कि आर्थिक नाकेबंदी शांतिपूर्ण ढंग से आयोजित की जाएगी तथा जनता के सहयोग से इसे सफल बनाया जाएगा। बैठक की अध्यक्षता झामुमो जिला अध्यक्ष सोनाराम देवगम और संचालन जिला सचिव राहुल आदित्य ने किया।
बैठक में विधायक निरल पुरती, विधायक जगत माझी, भुवनेश्वर महतो, बुधराम लागुरी, दीपक प्रधान, सारंडा मानकी लागोड़ा देवगम, मोनिका बोईपाई, बसंती सुंडी सहित कई पदाधिकारी मौजूद थे।

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