एक करोड़ की लागत से सागर कट्टा गांव में बने दो चेक डैम ठेकेदार और विभाग की भेट चढ़े
किसानों को खेती में पानी पहुंचाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास कहीं सोन नदी से पानी पहुंचाने की घोषणा करते हैं तो कहीं चैकडैम का निर्माण कार्य कराने के लिए झालको और लघु सिचाई विभाग को किसानों को पानी की समस्या ना हो इसके लिए करोड़ों रुपये की योजना को स्वीकृती देते हैं लेकिन झालको और लघु सिचाई विभाग में चैकडैम के निर्माण कार्य में ठेकेदार और विभाग के अभियंताओं की साठ-गांठ से करोड़ों की योजना में लाखों का बंदर बांट होने के कारण चेकडैम ठेकेदार और विभाग की भेंट चढ़ रहा है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : किसानों को खेती में पानी पहुंचाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास कहीं सोन नदी से पानी पहुंचाने की घोषणा करते हैं तो कहीं चैकडैम का निर्माण कार्य कराने के लिए झालको और लघु सिचाई विभाग को किसानों को पानी की समस्या ना हो इसके लिए करोड़ों रुपये की योजना को स्वीकृती देते हैं लेकिन झालको और लघु सिचाई विभाग में चैकडैम के निर्माण कार्य में ठेकेदार और विभाग के अभियंताओं की साठ-गांठ से करोड़ों की योजना में लाखों का बंदर बांट होने के कारण चेकडैम ठेकेदार और विभाग की भेंट चढ़ रहा है। टोंटो प्रखंड के सागरकट्टा गांव में बने 1 करोड़ 48 लाख रुपये की लागत से बना चैकडैम एक वर्ष भी नहीं चल पाया और घटिया निर्माण के कारण चारों ओर से पानी सिपेज करने लगा है। कार्य स्थल को देखकर ग्रामीणों ने बताया कि हम लोगों को पता ही नहीं है कि यह योजना 1.38 करोड़ की है जबकि इस योजना में पचास लाख भी खर्च नहीं हुआ है। ग्रामीणों की मानें तो कार्य स्थल पर लघु सिचाई विभाग के कार्यपालक अभियंता तो दूर विभाग के एसडीओ भी कभी-कभार ही आते थे। ठेकेदार शदाब कंस्ट्रक्शन के द्वारा दोनों चैकडैम का निर्माण कराया गया है जिसमें काफी अनियमितता बरती गई है। यदि इस घटिया निर्माण की उपायुक्त या उपविकास आयुक्त द्वारा जांच की जाए तो विभाग और ठेकेदार के मधुर सबंध के एक बड़े घोटाले का उद्दभेदन होगा। इस घटिया निर्माण को लेकर गांव के ग्रामीण मुंडा भी ग्रामसभा कर निर्माण कार्य की जांच कराने की मांग करने की बात कह रहे हैं।
क्या है मामला
पश्चिम ¨सहभूम के लघु ¨सचाई विभाग द्वारा वर्ष 2017-18 में टोंटो प्रखंड के सागर कट्टा गांव में 1.38 करोड़ की लागत से दो चैकडैम के निर्माण के लिए संविदा निकाली गई थी। संविदा के आधार पर चाईबासा के ही शदाब कंस्ट्रक्शन के नाम पर पप्पू खान को चैकडैम निर्माण का कार्य आंवटित किया गया। साथ ही निर्माण कार्य को एक वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य दिया गया था। मजे की बात है कि ठेकेदार द्वारा आनन-फानन में चैकडैम का निर्माण कार्य पूरा कर विभाग से पूरी राशी की निकासी कर ली गई। वहीं निर्माण को एक वर्ष भी नहीं हुआ की उक्त डैम के चारो ओर से पानी सिपेज करने लगा और जगह-जगह डैम टूटने लगा है।
क्या है खामियां
ठेकेदार शदाब कंस्ट्रक्शन द्वारा सागरकट्टा गांव में बनाए गए दोनों चेकडैम में विभाग द्वारा निर्धारित किया गया मानक पूरा नहीं किया गया जिसके कारण उक्त डैम में संग्रह पानी की निकासी दूसरे स्थान पर होगी जबकि जमीन के नींव में व्यापक रूप से गड़बड़ी हुई है। साथ ही चैक डैम के चारों ओर की मिट्टी नहीं हटाया गया है। मानक के अनुसार गहराई और ढलाई का कार्य भी सही मापदंड के अनुरूप नहीं है। ठेकेदार और विभाग के अभियंता द्वारा जिस तरह का चैकडैम बनाना था वैसा नहीं बना है। इस कारण डैम के चारो ओर से पानी का सिपेज हो रहा है। यदि इसी तरह का पानी सिपेज होता रहा तो डैम का लाभ किसानों को नहीं मिल पाएगा। इस निर्माण कार्य की जांच होनी चाहिए और पुन: इसकी मरम्मत होनी चाहिए।
- मान ¨सह सोरेन, ग्रामीण मुंडा। निर्माण कार्य के दौरान ठेकेदार और विभाग के अभियंता से कई बार चैकडैम की प्राकलन राशी और स्टीमेट दिखाने को कहा गया लेकिन आज तक नहीं दिखाया गया। और ना ही योजना पट्ट लगाया जिससे की ग्रामीणों को पता चल सके की सरकार मजदूर को क्या मजदूरी भत्ता दे रही है और डैम की लंबाई-चौड़ाई और गहराई क्या है। डैम निर्माण कार्य में काफी अनियमितता बरती गई है। इसकी जांच हो और ठेकेदार व विभाग इसकी फिर से मरम्मत करे।
-- फोटो- कृष्णा बिरुवा, किसान।