Jharkhand News: अब सभी को बोलना होगा जोहार, झारखंड में नहीं चलेगा नमस्कार, प्रणाम, सत श्री अकाल- हेमंत सोरेन
Sudhir PandeyPublish Date: Tue, 24 Jan 2023 11:30 PM (IST)Updated Date: Wed, 25 Jan 2023 12:22 AM (IST)
जागरण संवाददाता, चाईबासा: मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा है कि झारखंड में अब सभी को जोहार बोलना होगा। जोहार आदिवासी संस्कृति और परंपरा से जुड़ा हुआ है। झारखंड में सभी को अभिवादन करते समय जोहार बोलना होगा। इसके लिए सभी प्रशासनिक अधिकारियों को निर्देश दिया जा चुका है। झारखंड में नमस्कार, प्रणाम, सत श्री अकाल नहीं चलेगा। सभी की अपनी संस्कृति होती है। हमारी आदिवासी संस्कृति में जोहार महत्वपूर्ण है।
जेलों में सबसे अधिक आदिवासी लेकिन एक भी जज आदिवासी नहीं
उन्होंने आगे कहा कि देश में सर्वोच्च पद पर एक भी आदिवासी जज नहीं है। बड़े वकील नहीं हैं तो हम आदिवासियों को इंसाफ कौन दिलायेगा। आप लोगों को मैं यह बता दूं कि वर्तमान में देश की जेलों में सबसे अधिक आदिवासी व दलित ही बंद हैं। विपक्ष आदिवासियों को आपस में लड़ाने में लगी हुई है। जहां लड़ाई-झगड़े होते हैं, वहीं भाजपा सरकार बनाती है। यहां के लोगों को इसको समझना होगा और अपने राज्य को अमन-चैन के साथ रखना होगा।
अनाज वितरण के लिए भी तय करेंगे दिन
उन्होंने कहा कि सरकार सर्वजन पेंशन योजना के तहत सभी जरूरतमंदों को पेंशन देने का काम कर रही है। अब पेंशन के लिए कोई दलाली नहीं कर सकता। हर महीने पांच तारीख को सभी के खाते में पेंशन चली जाती है। इसी तरह आने वाले समय में अनाज के लिए भी सरकार दिन तय करेगी, जिससे गरीबों को समय पर अनाज मिल सके।
बाहरी लिट्टी चोखा बेचकर बन गये अमीर आदिवासी आज भी गरीब
सीएम ने बाहरी और भीतरी का राग अलापते हुए कहा कि बाहर से झारखंड में आकर लिट्टी-चोखा व गुपचुप बेचने वाले दो तल्ला मकान बना रहे हैं जबकि यहां के आदिवासी-मूलवासी आज भी गरीब हैं। हमने स्थानीय नीति बनायी तो यूपी-बिहार के लोगों ने मिलकर कोर्ट में इसे खारिज करा दिया। इन लोगों एक आदिवासी युवक रमेश हांसदा को अपने साथ मिलाकर षड्यंत्र के तहत कोर्ट से स्थानीय नीति को निरस्त करा दिया लेकिन हम भी रुकने वाले नहीं हैं। ऐसा जाल बुन रहे हैं, जिसे बाहरी लोग पार ही नहीं कर पायेंगे।
एफसीआई के भरोसे न रहें, बाजार से अनाज खरीदकर गरीबों में बांटे
सीएम ने कहा कि भाजपा ने रघुवर दास के शासन काल में 11 लाख लोगों के राशन कार्ड खत्म कर दिये थे। हमने प्रधानमंत्री से बोला था कि झारखंड में गरीबी है। राशन कार्ड की संख्या बढ़ायी जाये लेकिन उन्होंने नहीं सुना। फिर हमने 20 लाख राशन कार्ड बनवा दिये। केंद्र से हमने कहा कि गरीबों को एफसीआई से अनाज दिया जाये मगर भारत सरकार ने वो अनाज भी नहीं दिया। हमने अपने अधिकारियों से कहा है कि एफसीआई का भरोसा नहीं करें। बाजार से राशन खरीदें और बांटे।
Edited By: Mohit Tripathi
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