ईपीएफ से स्वयं के अंशदान का 75 फीसद निकाल सकेंगे कर्मचारी : नीलांजन गुप्ता
कोविड-19 महामारी से पैदा हुए हालात से राहत देने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को ईपीएफ खाते से एक निश्चित रकम निकालने की सुविधा दी है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : कोविड-19 महामारी से पैदा हुए हालात से राहत देने के लिए कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने सदस्यों को ईपीएफ खाते से एक निश्चित रकम निकालने की सुविधा दी है। चाईबासा स्थित कर्मचारी भविष्य निधि संगठन कार्यालय के सहायक आयुक्त नीलांजन गुप्ता ने बताया कि अब आप अपने ईपीएफ खाते में जमा रकम के स्वयं के अंशदान का 75 फीसदी या तीन महीने के वेतन (जो भी कम हो) की निकासी कर सकते हैं। ईपीएफ खाते से निकासी नॉन-रिफंडेबल होगी। सरकार अगले तीन महीने तक ईपीएफ खाते में कंपनी और कर्मचारी दोनों के हिस्से का पैसा खुद जमा करेगी। हालांकि यह नियम छोटी कंपनियों के लिए है। पश्चिमी सिंहभूम में वर्तमान में करीब 620 प्रतिष्ठानों के लगभग 19 हजार 200 कर्मचारी ईपीएफओ के सदस्य हैं। नीलांजन ने बताया कि कर्मचारियों को उनके पीएफ बैलेंस से नॉन-रिफंडेबल एडवांस की अनुमति देने के प्रस्ताव से कर्मचारियों को नकदी की किल्?लत से निपटने में मदद मिलेगी। निकासी के लिए कर्मचारी को भविष्य निधि कार्यालय नहीं आने की जरूरत है। वो आनलाइन पोटल के जरिए इसकी निकासी कर सकते हैं। सहायक आयुक्त ने बताया कि केवाईसी में जन्मतिथि को सही करना बड़ी समस्या है। सरकार ने इसमें संशोधन करते हुए आधारकार्ड में तीन साल तक का फर्क होने पर उसको मान्यता देने का और जन्म तारीख में संशोधन करने का प्रावधान किया है। इससे सदस्यों को बहुत लाभ होगा और जन्म तारीख में फर्क को लेकर शिकायतों में भी बड़ी कमी आयेगी।