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चुनावी वादे हैं, इन पर यकीन नहीं होता..

कहने को सुबह के 11 बजने वाले हैं लेकिन सूरज सिर पर चढ़ आया है। हमेशा व्यस्त-सा दिखने वाला सोनुवा का चांदनी चौक कड़ी धूप में नहा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 15 Apr 2019 08:24 PM (IST)Updated: Tue, 16 Apr 2019 06:30 AM (IST)
चुनावी वादे हैं, इन पर यकीन नहीं होता..
चुनावी वादे हैं, इन पर यकीन नहीं होता..

साजिद हुसैन, सोनुवा : कहने को सुबह के 11 बजने वाले हैं, लेकिन सूरज सिर पर चढ़ आया है। हमेशा व्यस्त-सा दिखने वाला सोनुवा का चांदनी चौक कड़ी धूप में नहा रहा है। लोगों की भीड़ थोड़ी कम है। इधर-उधर नजर दौड़ाई तो एक आइस्क्रीम पार्लर में कुछ लोग बैठे नजर आए। पहुंचा तो कुछ पुराने परिचित मिल गए। बातचीत पहले से आइपीएल पर चल रही थी। मैंने मौका देख कर धीरे से उनके बीच सवाल उछाल दिया- तब चुनाव में क्या हो रहा? विजय श्रीवास्तव बताने लगे कि सिंहभूम क्षेत्र में तो दो लोगों के बीच ही टक्कर है। भाजपा के लक्ष्मण गिलुवा और कांग्रेस की गीता कोड़ा के बीच। बाकी प्रत्याशी अपनी जमानत भी नहीं बचा पाएंगे। अभी से ही लड़ाई की जमीन तैयार हो गई है। विजय की बात से सभी सहमत दिखे। पर सुल्तान हक कहने लगे- दोनों मुख्य प्रत्याशी हैं, लेकिन अबतक सोनुवा क्षेत्र में नहीं आए। बातचीत के बीच ही शेख शौकत ने पास बैठे पेशे से चिकित्सक डॉक्टर बीके विश्वास से पूछा- चचा दोनों में कौन सही रहेगा? शौकत के सवाल पर थोड़ी देर चुप रहने के बाद डॉक्टर साहब बोले- देखो बाबू, वोट तो अपनी मर्जी से देना चाहिए। हर मतदाता को इतना जागरूक तो होना ही चाहिए कि कौन सही, कौन गलत है, इसकी पहचान कर सके। नसीहत देने के बाद डॉक्टर यही नहीं रुके। उन्होंने कहा, यह सच है कि नरेंद्र मोदी ने अपने बलबूते देश का विकास किया है, इसलिए वोट देते समय नेतृत्वकर्ता का ध्यान जरूर रखना चाहिए। डॉक्टर साहब के मुंह से मोदी की तारीफ सुनते ही फिरोज खान ने कहा- कितना विकास हुआ है चचा? केंद्र, राज्य में अपनी सरकार थी, उसी पार्टी के सांसद भी थे, लेकिन सोनुवा में आज भी टाटा-एलेप्पी एक्सप्रेस और उत्कल एक्सप्रेस का ठहराव नहीं हो सका। फिरोज के तीखे सवाल पर शौकत ने कहा सांसद और पूर्व विधायक तो कई बार प्रयास किए। दिल्ली तक गए, लेकिन ठहराव नहीं मिला तो क्या हुआ, प्रयास तो बहुते हुआ भाई। इसी दौरान नवजवान युवक बादशाह ने नजरें नीचे करते हुए कहा- मोदी जी का नाम तो बहुत हुआ, लेकिन देश रोजगार पैदा करने के मामले में फिसड्डी साबित हुआ। बातचीत के बीच माहौल गर्म होता देख मैंने दुकान वाले से एक बोतल ठंडा पानी खरीदा। मौजूद लोगों के बीच बढ़ाते हुए कहा- क्या लगता है, राहुल गांधी देश चला पाएंगे? इस बीच मौका पाकर कैमरे से एक तस्वीर उतार ली। करीब दस मिनट की बातचीत के दौरान चुप रहे जमील अख्तर पप्पू बोले- इंदिरा और राजीव गांधी की तरह मजबूत पीएम साबित होंगे इसपर भरोसा नहीं होता। मजबूत पीएम का जिक्र होते ही डॉक्टर साहब फिर चर्चा में कूद पड़े- मोदी जैसा मजबूत पीएम देश को आजतक नहीं मिला। मोदी ने कई विकास योजनाएं धरातल पर उतारी हैं। दोबारा जीते तो और विकास होगा। फिरोज और जमील ने तपाक से कहा- इसबार के चुनाव में कांग्रेस ने भी कई वादे किए हैं। गर्मी का असर बढ़ता जा रहा था। चर्चा में भी गर्माहट आ चुकी थी। तभी गमछे से पसीना पोछते हुए सुलतान हक अपनी दुकान की ओर बढ़ते हुए बोले- बाबू ये सब चुनावी वादे हैं, इन वादों पर यकीन कैसे कर लें। सही बोलो तो चुनावी वादे बाद में जुमले का रूप ले लेते हैं। यह कहते हुए शौकत ने अपनी कुर्सी छोड़ दी। शौकत को देख सभी लोग अपनी-अपनी कुर्सी से उठे और चल पड़े।

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