प्रसव पीड़ा से तड़पती रही गर्भवती, नहीं मिला ममता वाहन
सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को मुख्यमंत्री जननी सुरक्षा योजन
संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर :
सुदुर ग्रामीण क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को मुख्यमंत्री जननी सुरक्षा योजना से संबंधित सेवाओं का लाभ नहीं मिल रहा है। इन क्षेत्रों में गर्भवती महिलाओं को ममता वाहन की सुविधा भी नहीं मिल रही है। आलम यह है कि गर्भवती महिला के परिजनों को 2000 रुपये जेब से खर्च कर पीड़िता को अस्पताल तक पहुंचाना पड़ रहा है। ऐसी ही परेशानी से नोवामुंडी प्रखंड के पोखरपी पंचायत अंतर्गत गितिकेंदू गांव के समाजिक कार्यकर्ता मनोज लागुरी को 21 मार्च को जूझना पड़ा। मनोज ने बताया कि उसकी पत्नी को 21 मार्च को दिन में प्रसव पीड़ा शुरू हुई। इसकी जानकारी संबंधित सहिया को दी गई। सहिया ने ममता वाहन वाले को फोन किया। लेकिन ममता वाहन वाले ने यह कहकर आने से इंकार कर दिया कि मनोज लागुरी तो नेता है हमको खर्चा पानी नहीं देगा। इसलिए जाने का तो जाएंगे, लेकिन मरीज को प्रसव के बाद वापस घर नही छोड़ने जाएंगे। ममता वाहन चालक के इस बात से गर्भवती महिला के परिजन लचर और गैर जिम्मेदाराना व्यवहार के प्रति काफी नाराज दिखे। फिर मनोज लागुरी ने अपने स्तर से वाहन की व्यवस्था कर पत्नी को उपस्वास्थ्य केंद्र पोखरपी ले जाने के लिए संबंधित एएनएम को सूचना दी तो एएनएम ने भी उपस्वास्थ्य केंद्र में प्रसव के लिए उचित व्यवस्था नहीं होने की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी निभाने से हाथ खड़े कर दिए। इसके बाद लागुरी ने निजी वाहन की व्यवस्था कर जगन्नाथपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पत्नी को भर्ती कराया। उसके बाद प्रसव कक्ष में स्वास्थ्य सेवाएं शुरू हुईं। रात करीब 8.30 रात बजे उसकी पत्नी ने एक शिशु को समान्य रूप से जन्म दिया। मनोज लागुरी ने बताया कि जच्चा और बच्चा दोनो स्वस्थ हैं।