डायरिया से मौत, ग्रामीणों ने नहीं दिया शव को कंधा
यहां इस कदर डायरिया फैला है कि कैंप लगाकर इलाज चल रहा है। पीड़ितों को दवाएं दी जा रही हैं और गंभीर मरीज एमजीएम अस्पताल रेफर किए जा रहे हैं।
जागरण संवाददाता, पूर्वी सिंहभूम। डायरिया के रोज नए मरीज सामने आने और दो ग्रामीणों की मौत के बाद पूर्वी सिंहभूम जिले (झारखंड) के शिव मंदिर पाड़ा बस्ती में दहशत और अंधविश्वास फैलने लगा है। आलम यह है कि रविवार को एक शव को कंधा देने के लिए ग्रामीण तैयार नहीं हुए।
परिजनों ने किसी तरह शव का दाह-संस्कार किया। इस गरीब परिवार को बकरी बेचकर एंबुलेंस का किराया चुकाना पड़ा। यहां इस कदर डायरिया फैला है कि कैंप लगाकर इलाज चल रहा है। पीड़ितों को दवाएं दी जा रही हैं और गंभीर मरीज एमजीएम अस्पताल रेफर किए जा रहे हैं। 25 अगस्त को अस्पताल में अंजना नायक की मौत हो गई। शनिवार को अस्पताल में देवानंद नायक की मौत हो गई।
अंजना की मौत के बाद देवानंद भागकर घर चला गया था। शुक्रवार को परिजन उसे लेकर एमजीएम अस्पताल में पहुंचे। शनिवार की सुबह उसकी मौत हो गई। लगातार दो मौत से पूरे क्षेत्र में दहशत फैल गई है। मृतका अंजना के पति सिदाम नायक मंदिर के पुजारी हैं। लोगों के मन में यह बात बैठ गई है कि पुजारी के घर ऐसा हो सकता है तो दूसरे के घर भी ऐसा संभव है।