मनरेगा ग्रामीण क्षेत्रों को गरीबी मुक्त करने का एक बेहतर विकल्प : सिद्धार्थ त्रिपाठी
चाईबासा में मनरेगा योजनाओं का जायजा लेने पहुंचे मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने रविवार को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मनरेगा योजना के तहत जिले में एक बड़े बदलाव के उद्देश्य की पूर्ति हेतु विचार विमर्श किया गया है।
जागरण संवादादाता, चाईबासा : चाईबासा में मनरेगा योजनाओं का जायजा लेने पहुंचे मनरेगा आयुक्त सिद्धार्थ त्रिपाठी ने रविवार को सभी प्रखंड विकास पदाधिकारियों के साथ बैठक की। बैठक में मनरेगा योजना के तहत जिले में एक बड़े बदलाव के उद्देश्य की पूर्ति हेतु विचार विमर्श किया गया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए मनरेगा आयुक्त ने बताया कि सरकार के द्वारा मनरेगा के तहत प्रारंभ किए गए नवाचार के परिणामों से रूबरू होने के उद्देश्य से हम लोगों ने चक्रधरपुर प्रखंड अंतर्गत केंदू पंचायत का भ्रमण किया। इसके बाद पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चर्चा की। आयुक्त ने कहा कि गरीबी उन्मूलन के उद्देश्य की पूर्ति हेतु संचालित मनरेगा योजना देश सहित पूरे राज्य का बहुत बड़ा कार्यक्रम है जिसे अधिकांशत: व्यक्ति सिर्फ एक रोजगार का साधन मात्र समझते हैं। मेरा यह मानना है कि मनरेगा कार्यक्रम ग्रामीण क्षेत्रों को गरीबी मुक्त करने का एक बेहतर विकल्प है। इसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों में जलापूर्ति योजना का संचालन, सरकारी एवं निजी जमीनों पर वृक्षारोपण का कार्यक्रम यथा फलदार वृक्ष, बांस प्रजाति का पौधारोपण, चेक डैम का निर्माण, सड़क/पीसीसी पथ का निर्माण, फेवर ब्लॉक का निर्माण, चबूतरे का निर्माण, आंगनवाड़ी केंद्र का निर्माण, पंचायत भवन का निर्माण किया जा सकता है। उपर्युक्त सभी आधारभूत संरचना का निर्माण जोकि 7-8 विभाग मिलकर भी नहीं कर पाएंगे, उतने सभी निर्माण कार्य मनरेगा के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में किया जा सकता है। बशर्ते ग्रामीण क्षेत्र के लोग जागृत हो और हमारी समस्त टीम कंधे से कंधा मिलाकर चलने को तत्पर हों। उन्होंने कहा कि हम पुन: जिले का भ्रमण करेंगे और हमारा प्रयास भी है तथा विश्वास भी है कि इस बैठक के उपरांत हमारी पूरी टीम एक नए तरीके से काम करेगी और आगामी आने वाले दो-तीन सप्ताह में मनरेगा सहित ग्रामीण विकास विभाग के सभी कार्यक्रम में बेहतर प्रदर्शन कर पाएंगे।