रात भर गूंजे करम गीत, नाचते-गाते रहे युवक-युवतियां
संवाद सहयोगी, चाईबासा : उरांव समाज के प्रमुख पर्व में एक प्रकृति पर्व करमा चाईबासा एवं आसपास के
संवाद सहयोगी, चाईबासा : उरांव समाज के प्रमुख पर्व में एक प्रकृति पर्व करमा चाईबासा एवं आसपास के क्षेत्र में हर्षोल्लास मनाया गया। पूरे भक्तिभाव से उरांव अखाड़ों में आराध्य देव करम गोसाई को स्थापित किया गया। मौके पर युवक-युवतियों ने गुरुवार को भादो एकादशी व्रत रखकर पूजा-अर्चना की। दिन में कुंवारे युवक करम गोसाई (ईश्वर धर्मेश) को भक्तिभाव के साथ जंगल से लेकर गांव की सीमान पहुंचे। करमा डाल को पूरी श्रद्धा एवं धार्मिक अनुष्ठान के साथ काटकर नाचते-गाते लाए और उपवास रखने वाली तीन कुंवारी लड़कियों को सुपुर्द किया। इस दौरान मांदर की थाप पर पूरे समुदाय के लोग नाच-गान करते हुए अखाड़ा पहुंचे और करम गोसाई को अखाड़ा के बीच में स्थापित किया गया। शाम को पाहनों द्वारा पूजा-अर्चना की गई और गांव-घर में शांति की कामना की गई। रात में लोगों को करमा-धरमा की कथा सुनाई गई। कथा सुनने के बाद व्रतियों ने पुन: पूजा-अर्चना कर प्रसाद वितरण किया। इस दौरान रातभर अखाड़ों में नाच-गान का कार्यक्रम चलता रहा। पूजा के लिए शहर के सात अखाड़ों नदीपार, कुम्हारटोली, तेलंगाखुरी, पुलहातु, बानटोला, मेरीटोला, चित्रो टोला में पंडाल बनाया गया था ताकि पूजा-अर्चना एवं नाच-गान में कोई व्यवधान न आए। इस दौरान सभी अखाड़ा लाइट से जगमगा रहे थे। सभी अखाड़ों में रात भर मांदर की थाप और करम गीत गूंजते रहे। कार्यक्रम को सफल बनाने में उरांव समाज के अध्यक्ष संचू तिर्की, सचिव अनिल लकड़ा, सलाहकार सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, कानू कच्छप, लक्ष्मण बरहा, दुर्गा खलखो, उपसचिव लालू कुजूर, कृष्णा टोप्पो, नप उपाध्यक्ष डोमा ¨मज, मुखिया मंगल खलखो, दुर्गा कुजूर, भगवान दास तिर्की, दिलीप बरहा, रमेश कुजूर, उपदेश लकड़ा, छंदू ¨मज, भीमा कुजूर, महावीर बरहा, संजय तिग्गा, संजय कच्छप, विजयलक्ष्मी लकड़ा, लक्ष्मी कच्छप, लक्ष्मी बरहा, चंद्रो कुजूर, निर्मला लकड़ा, तोजो तिर्की, ननकी लकड़ा, जय लकड़ा, सुमित्रा एक्का, आशा लकड़ा, लालो लकड़ा आदि का सराहनीय योगदान रहा।