डीसी बोले, हेल्थ नोडल करेंगे पीपीई किट खरीद में हुए फर्जीवाड़ा की जांच
पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में कोरोना काल में बाहर से खरीदी गई पीपीई किट में हुए फर्जीवाड़ा की जांच जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त हेल्थ नोडल करेंगे।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा स्थित सदर अस्पताल में कोरोना काल में बाहर से खरीदी गई पीपीई किट में हुए फर्जीवाड़ा की जांच जिला प्रशासन की ओर से नियुक्त हेल्थ नोडल करेंगे। हेल्थ नोडल जिला के एलआरडीसी एजाज अनवर हैं। उपायुक्त अरवा राजकमल ने रविवार को खबर पर संज्ञान लेते हुए कहा कि मैं अपने स्तर से इस पूरे मामले की जांच कराऊंगा। जांच के लिए हेल्थ नोडल एलआरडीसी को जिम्मा दिया जाएगा। मामले में दोष सिद्ध होने पर निश्चित तौर पर कार्रवाई होगी। वहीं, सिविल सर्जन डा. ओम प्रकाश गुप्ता ने कहा कि सदर अस्पताल में काफी गड़बड़ियां हो रही हैं। सब मिलकर यहां की व्यवस्था को चौपट करने में लगे हैं। अगर सही से जांच की जाए तो 90 फीसद लोग बाहर हो जाएंगे। यहां बता दें कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के जिला लेखा पदाधिकारी संजीव कुमार ने पूरे प्रकरण में जिला कार्यक्रम प्रबंधक नीरज कुमार यादव को दोषी ठहराते हुए अभियान निदेशक से शिकायत की है मगर उनकी शिकायत को उच्च अधिकारी ने अभी तक संज्ञान नहीं लिया है। इमेज इंडिया व आरुषि इंटरप्राइजेज के बीच के तालमेल की हो जांच
1000 पीपीई किट का ओपन टेंडर हुआ था। इसमें कई कंपनियों ने आवेदन भरा था। अंत में आदित्यपुर की इमेज इंडिया नामक कंपनी को एल-1 घोषित किया गया। 1000 पीपीई किट का कुल मूल्य 10.5 लाख रुपये निर्धारित था। इमेज इंडिया के ठेकेदार का कहना है कि उन्होंने किसी तरह की कोई पीपीई किट अस्पताल में आपूर्ति नहीं की और न ही कोई पैसा उन्हें मिला है। रांची की आरुषि इंटरप्राइजेज कंपनी से उनका कोई नाता नहीं है। उन्होंने अस्पताल प्रबंधन को केवल एनओसी दिया था। किसी दूसरी कंपनी को आपूर्ति के लिए नहीं कहा था। कंपनी के दिनेश शर्मा ने कहा कि इस मामले में फिलहाल वो कुछ नहीं बोल सकते। अगर जांच होती है और कोई बड़ा अधिकारी सवाल करेगा तभी अपनी बात को रखेंगे।