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चाईबासा के मुक्तिधाम में कोरोना से मृत लोगों के शवों को जलाने की अनुमति नहीं

पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित मुक्तिधाम में कोरोना मरीज के शव को जलाने पर पाबंदी लगाई गई है। इस कारण कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शवों को रोरो नदी किनारे कूड़े के ढेर के आसपास में जलाया जा रहा है।

By JagranEdited By: Published: Sun, 02 May 2021 07:35 PM (IST)Updated: Sun, 02 May 2021 07:35 PM (IST)
चाईबासा के मुक्तिधाम में कोरोना से मृत लोगों के शवों को जलाने की अनुमति नहीं
चाईबासा के मुक्तिधाम में कोरोना से मृत लोगों के शवों को जलाने की अनुमति नहीं

जागरण संवाददाता, चाईबासा : पश्चिम सिंहभूम जिले के चाईबासा स्थित मुक्तिधाम में कोरोना मरीज के शव को जलाने पर पाबंदी लगाई गई है। इस कारण कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शवों को रोरो नदी किनारे कूड़े के ढेर के आसपास में जलाया जा रहा है। रोरो नदी चाईबासा की जीवनदायिनी है। इसी रोरो नदी किनारे चाईबासा से निकलने के बाद कई गांव पड़ते हैं जहां पर इसी नदी के पानी का खेतों में पाटने का काम आता है और नदी किनारे के गांव के लोग चुआं बनाकर नदी के पानी को पीने में भी इस्तेमाल करते हैं। लोगों में इस बात की नाराजगी है कि आखिर कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शवों को मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार क्यों नहीं करने दिया जा रहा है। बताया जा रहा है कि कई लोग मुक्तिधाम समिति के पास शव जलाने की रसीद कटवाने गए तो कोरोना संक्रमित मरे व्यक्ति के लिए रसीद नहीं काटी गई है। लोगों का कहना है कि दिन के समय सामान्य शवों को मुक्तिधाम में जलाया जाए और रात के समय में कोरोना संक्रमण से मरे लोगों को शव जलाने की व्यवस्था की जाए ताकि शवों को मुक्ति मिल सके।

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---------------------------जनता के बोल-----

चाईबासा मुक्तिधाम समिति की ओर से मुक्तिधाम में कोरोना मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार पर लगाई गयी पाबंदी सही नहीं है। शव तो शव होता है और उसकी अंत्येष्ठी सभी की इच्छा होती है कि ढंग से हो। नदी किनारे कूड़े के ढेर में शवों को जलाया जा रहा है, यह ठीक नहीं है।

फोटो - 12- राजू यादव, अध्यक्ष श्मशान काली मंदिर चाईबासा।

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मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शव न जलाने देने से कई परिवार दुखी हैं क्योंकि जिनके परिवार का सदस्य गया है वह तो पहले से ही दुखी है और उसके परिवार के शव को सही ढंग से न जलाने से ओर टूट जाता है। मुक्तिधाम समिति को पूरी तरह से सैनिटाइज कराकर सभी शवों को जलाने की सुविधा देनी चाहिए।

फोटो - 13- काबू दत्ता, अध्यक्ष बंगाली सेवा समिति चाईबासा।

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चाईबासा मुक्तिधाम में सभी तरह के शवों को जलाने की अनुमति देनी चाहिए। इसमें भेदभाव नहीं करना चाहिए। शव जलाने के पूर्व कोविड-19 के नियमों का पालन करते हुए दाह संस्कार कराना चाहिए, ताकि लोगों को अपने शहर में आत्मा की शांति मिल सके। ऐसे भी चाईबासा मुक्तिधाम में पर्याप्त पानी रहने के कारण कोई दिक्कत नहीं आएगी। मुक्तिधाम समिति को बैठक कर समाज के लिए निर्णय लेना चाहिए।

फोटो - 14- राजाराम गुप्ता, अधिवक्ता, चाईबासा।

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कोरोना के संक्रमण के खतरे को देखते हुए मुक्तिधाम समिति ने कोरोना बीमारी से मरे लोगों के शवों को मुक्तिधाम में नहीं जलाने का नियम बनाया है। समिति को चाहिए कि सामान्य शव और कोरोना से मृत लोगों के शवों को अलग-अलग समय में जलाने की व्यवस्था बहाल करनी चाहिए। ऐसा करने से शव को भी सम्मान मिल जाएगा और संक्रमण का खतरा भी कम रहेगा।

फोटो -15 - अनिल मुरारका, अध्यक्ष मारवाड़ी सम्मेलन चाईबासा।

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जिला प्रशासन को कोविड से मरने वाले लोगों के दाह संस्कार के लिए अलग से व्यवस्था करनी चाहिए। जैसे रांची में हरमू में किया गया है। वहां भी मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमण से मरे लोगों का दाह संस्कार नहीं किया जाता है। उसके ठीक आगे चार किलोमीटर दूर बांस से एक घेरा कर दिया गया है जहां पर कोरोना संक्रमण से मरे लोगों का दाह संस्कार रोजाना हो रहा है। ऐसा ही चाईबासा में करना चाहिए।

फोटो - 16- अनूप कुमार सुल्तानियां, प्रबुद्ध नागरिक चाईबासा।

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--जिम्मेदार अधिकारी बोले---

मुक्तिधाम में कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद शव का अंतिम संस्कार नहीं करने को लेकर किसी तरह का कोई दिशा-निर्देश प्रशासन ने नहीं दिया है। अभी मुक्तिधाम के नीचे नदी किनारे कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शव कोविड-19 के प्रोटोकाल के तहत जलाए जा रहे हैं। अगर जरूरत पड़ी तो मुक्तिधाम में भी कोरोना संक्रमण से मरे लोगों के शवों को जलाया जाएगा। अगर किसी को कोई परेशानी है तो लिखित आवेदन दे, विचार करेंगे।

फोटो-11- शशींद्र कुमार बड़ाईक, एसडीओ सदर, चाईबासा। ------------------------

समिति का यह है कहना

जब कोरोना संक्रमण से लोग मरने लगे तो चाईबासा मुक्तिधाम समिति ने निर्णय लिया था कि सामान्य शव मुक्तिधाम में ही जलाए जाएंगे लेकिन कोरोना संक्रमण से मरने वाले लोगों के नाम की रसीद नहीं कटेगी और ना ही मुक्तिधाम में उनका दाह-संस्कार किया जाएगा। उनके लिए नीचे नदी किनारे व्यवस्था है। यह निर्णय मुक्तिधाम के 3-4 कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए लिया गया है।

फोटो - 10- राधेश्याम अग्रवाल, मुक्तिधाम समिति चाईबासा।

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अप्रैल माह में मुक्तिधाम में जलाये गये सामान्य शव तिथिवार

1 अप्रैल - 2

2 अप्रैल -1

3 अप्रैल -1

4 अप्रैल -0

5 अप्रैल -0

6 अप्रैल -1

7 अप्रैल -1

8 अप्रैल -3

9 अप्रैल -0

10 अप्रैल -0

11 अप्रैल - 1

12 अप्रैल -1

13 अप्रैल -1

14 अप्रैल -0

15 अप्रैल -0

16 अप्रैल -0

17 अप्रैल -2

18 अप्रैल -4

19 अप्रैल -3

20 अप्रैल -3

21 अप्रैल -4

22 अप्रैल -3

23 अप्रैल -1

24 अप्रैल -3

25- अप्रैल- 0

26 अप्रैल -2

27 अप्रैल -2

28 अप्रैल -2

29 अप्रैल -5

30 अप्रैल -3

नोट : अप्रैल माह में मुक्तिधाम में कुल 50 सामान्य शवों का दाह-संस्कार किया गया है। वहीं मुक्तिधाम के नीचे नदी किनारे कूड़े के ढेर के पास कोरोना संक्रमण से मृत लगभग 24 लोगों के शवों को जलाया गया है।


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