सरना धर्मकोड के लिए छह दिसंबर को रेल-रोड चक्का जाम करेंगे : सालखन मुर्मू
सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से गुरुवार को सदर अनुमंडल कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : सरना धर्म कोड की मान्यता के लिए आदिवासी सेंगेल अभियान की ओर से गुरुवार को सदर अनुमंडल कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया गया। धरना स्थल पर मौजूद आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सह जदयू झारखंड के प्रदेश अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने कहा कि भारत सरकार ने 30 नवंबर तक सरना धर्मकोड की मान्यता संबंधी घोषणा और वार्तालाप शुरू नहीं की है। इस कारण छह दिसंबर को राष्ट्रव्यापी रेल-रोड चक्का जाम का आह्वान किया गया है। अंतत: झारखंड, बंगाल, बिहार, ओडिशा व असम में चक्का जाम की पूरी तैयारी है। सालखन ने कहा कि झारखंड मुक्ति मोर्चा जगह-जगह लड्डू बांटकर खुशियां मनाने के नाम पर रैली-मीटिग आदि का आयोजन कर रही है। चूंकि उनके अनुसार 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा में सरना धर्म कोड के प्रस्ताव के पारित होने से सरना धर्म कोड को मान्यता मिल चुकी है, परंतु यह झारखंड के आदिवासी- मूलवासियों के साथ धोखेबाजी के समान है। पूर्व में लिंगायत धर्म की मान्यता का प्रस्ताव भी कर्नाटक विधानसभा में 23 मार्च 2018 को पारित हुआ था लेकिन दिल्ली सरकार ने उसको खारिज कर दिया था। जनता दल यूनाइटेड और आदिवासी सेंगेल अभियान की मांग है कि जो पार्टियां 11 नवंबर को झारखंड विधानसभा में धर्म प्रस्ताव पारित किए थे उन सभी पार्टियों को आंदोलनकारी कार्यक्रमों के साथ जनता के बीच में सामने आना चाहिए न कि जनता को बेवकूफ बनाकर गुमराह करना चाहिए। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष महती पुरती, जिला उपाध्यक्ष नरेश समद, साइमन लागुरी, कविराज मुर्मू, प्रेमशिला मुर्मू, जदयू जिला अध्यक्ष विनोद गोप, प्रदेश महासचिव सूबेदार बिरवा, प्रदेश सचिव इंद्रजीत सिंह आदि उपस्थित थे।