Move to Jagran APP

ईसाइ धर्म अपनाने से नहीं होगी बीमारी का प्रलोभन देकर किया धर्म परिवर्तन

ईसाइ धर्म अपनाने से बीमारी नहीं होगी इस धर्म में दुख-तकलीफ भी दूर हो जाएगी। साथ ही वहां स्वादिष्ट भोजन भी मिलेगा।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Jul 2021 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 25 Jul 2021 07:39 PM (IST)
ईसाइ धर्म अपनाने से नहीं होगी बीमारी का प्रलोभन देकर किया धर्म परिवर्तन
ईसाइ धर्म अपनाने से नहीं होगी बीमारी का प्रलोभन देकर किया धर्म परिवर्तन

संवाद सूत्र, जगन्नाथपुर : ईसाइ धर्म अपनाने से बीमारी नहीं होगी, इस धर्म में दुख-तकलीफ भी दूर हो जाएगी। साथ ही वहां स्वादिष्ट भोजन भी मिलेगा। इसी प्रकार का लालच देकर एक साल पूर्व जगन्नाथपुर प्रखंड के जलडीहा गांव के तीन आदिवासी परिवारों को सरना से ईसाइ धर्म में परिवर्तन कर दिया गया। इस संबंध में ईसाइ से आदिवासी बने सुनाय उर्फ पिरकली कुई, शिवनाथ सिकू व मुक्ता कुई ने ग्रामीण मुंडा बामिया सिकू को बताया कि लगभग एक साल पहले सरना धर्म में फिर से लौटे एक परिवार के सदस्यों को वायरल फीवर हुआ था। वह ठीक नहीं हो पा रहे थे। किसी रिश्तेदार ने बताया कि ईसाइ धर्म अपना लो बीमारी, दुख-तकलीफ दूर हो जाएगी। साथ ही चर्च में स्वादिष्ट भोजन मिलेगा। ईसाइ धर्म मानने वाले बीमार नहीं होते हैं, इस प्रकार का प्रलोभन दिया गया था। उसके बाद ये लोग सरना धर्म से दूर रहने लगे साथ ही इन लोगों ने धीरे-धीरे अन्य परिवारों के सदस्यों को भी जोड़ा। इन लोगों ने बताया कि बीमार होने पर कोई सहयोग नहीं करता है। इसलिए सरना धर्म से दूर हो गए थे। इसके बाद आदिवासी हो समाज युवा महासभा के द्वारा धर्म परिवर्तन किए परिवार के सदस्यों को समझाकर वापस गांव में स्वागत समारोह का आयोजन कर किया गया। वहीं आदिवासी हो समाज युवा महासभा के जिलाध्यक्ष जिला गब्बर हेंब्रम ने कहा कि तीन परिवार के 12 सदस्यों की सरना धर्म में वापसी हुई है। पूरे आदिवासी विधि विधान के साथ हो गई है। सरना धर्म में लौटे लोग लगभग एक साल से इसाई धर्म मान रहे थे। सरना धर्म में वापसी लाने के लिए दिउरी समूह के मुख्य दिउरी गोपाल बिरुवा के नेतृत्व में देशाउली में लाल मुर्गा का बलि एवं पारंपरिक डियंग-रसि सहित अन्य प्राकृतिक सामग्रियों का बोंगा-बुरू कर किया गया। साथ ही पारंपरिक रिवाज के साथ ईसाई धर्म अपना चुके सुनाय उर्फ पिरकली कुई, शिवनाथ सिकू व मुक्ता कुई सहित परिवार के 12 सदस्यों को सरना धर्म में वापस लाया गया।

loksabha election banner

Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.