मधुमेह रोगियों की सुविधाओं में हो और अधिक इजाफा
संवाद सहयोगी, चाईबासा : मधुमेह रोगियों के अध्ययन उनके उपचार आदि के शोध के लिए भारत में सर्वोच्च संस्था आरएसएसडीआइ (रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया) के झारखंड चैप्टर द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला शहर के होटल सैफरन सुइट में डॉ. सौम्य सेनगुप्ता की अगुवाई में संपन्न हुई।
संवाद सहयोगी, चाईबासा : मधुमेह रोगियों के अध्ययन उनके उपचार आदि के शोध के लिए भारत में सर्वोच्च संस्था आरएसएसडीआइ (रिसर्च सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ डायबिटीज इन इंडिया) के झारखंड चैप्टर द्वारा दो दिवसीय कार्यशाला शहर के होटल सैफरन सुइट में डॉ. सौम्य सेनगुप्ता की अगुवाई में संपन्न हुई। इसमें राज्य और राज्य के बाहर से कई मधुमेह विशेषज्ञ चिकित्सकों ने हिस्सा लिया। इसमें मधुमेह तथा उससे होने वाली विसंगतियों पर चिकित्सकों ने अपने-अपने अनुभवों को साझा किया। इसमें चिकित्सकों द्वारा सुझाई गई बातों को आरएसएसडीआइ द्वारा राष्ट्रीय मंच पर रखा जाना है जिससे कि मधुमेह रोगियों को अंतिम रूप से अधिकतम सुविधाएं हासिल हो सके।
चाईबासा के मधुमेह विशेषज्ञ चिकित्सक डॉ. सौम्य सेनगुप्ता बताया कि मधुमेह के द्वितीय चरण में होने वाली परेशानी के प्रबंध जिसे हम टाइप टू डायबिटीज के नाम से जानते हैं। इसके साथ होने वाले किडनी में प्रभाव विषय पर उन्होंने अपने शोध की प्रस्तुत की। इस दौरान उनके साथ डायस पर कोलकाता की डॉ. महुआ सिकदर और जमशेदपुर के डॉ. एके विश्वास उपस्थित रहे।
बिहार समस्तीपुर के चिकित्सक सुप्रियो मुखर्जी ने मधुमेह के साथ-साथ होने वाले हाइपरटेंशन यानी उच्च रक्तचाप को कैसे नियंत्रित किया जाए विषय पर अपने अनुभव विचारों और शोध को साथी चिकित्सकों के साथ प्रस्तुत किया। मधुमेह और उच्च रक्तचाप परस्पर साथ साथ चलते हैं। मधुमेह पर नियंत्रण द्वारा उच्च रक्तचाप पर भी नियंत्रण संभव हो सकता है।
कार्यशाला में जमशेदपुर से पहुंचे डॉक्टर आरएल अग्रवाल ने मधुमेह के रोगियों को दी जाने वाली इंसुलिन का प्रयोग कब, कैसे और क्यों पर अपना व्याख्यान प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जैसा कि हम जानते हैं कई बार रोगियों को इंसुलिन का प्रयोग करना पड़ता है। इन्सुलिन के प्रयोग के संबंध में कई भ्रांतियां आम लोगों में और रोगियों में होती है। सब भ्रांतियां को दूर करते हुए इंसुलिन के प्रयोग को एक बेहतर उपाय बताया।
सम्मेलन में भाग लेने वाले आर एसएसडीआइ के सचिव धनबाद के चिकित्सक एनके ¨सह, डॉ. जी सोरेन, डॉ. केके लाल, जमशेदपुर डॉ. राम कुमार, डॉ. एचएस पॉल, डॉ. अनिल कुमार विरमानी, डॉ. विनोद ¨सह ए भट्टाचार्या, जमशेदपुर के प्रसिद्ध मधुमेह विशेषज्ञ डॉ. आरके मिश्रा, डॉ. सुजीत कुमार, डॉ. पी चौधरी, डॉ. एके गोस्वामी, डॉ. वीणा मुंधड़ा, डॉ. विजय कुमार मुंधड़ा, डॉ. महुआ सिकदर आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन धनबाद की डॉ. लीना ¨सह ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन सचिव डॉ. एनके ¨सह ने किया।
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मधुमेह रोगी जब यात्रा पर होते हैं तो विशेष रूप से अपने मधुमेह नियंत्रण की भी योजना बनाकर चलें। डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाएं और पर्ची अपने साथ रखें। साथ ही अपने खान-पान पर विशेष ध्यान दें।
-डॉ. आनंद शंकर, मधुमेह प्रमुख सह विशेषज्ञ पटना।
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