वनाधिकार का लाभ अधिक से अधिक लोगों तक पहुंचे
यूएनडीपी की ओर से वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत समाहरणालय सभा
जागरण संवाददाता, चाईबासा : यूएनडीपी की ओर से वनाधिकार अधिनियम 2006 के तहत समाहरणालय सभागार में गुरुवार को कार्यशाला हुई। इसमें मुख्य अतिथि उपायुक्त अरवा राजकमल ने कहा कि जिले के लोगों को वनाधिकार अधिनियम के तहत अधिक से अधिक लाभ पहुंचाना मुख्य उद्देश्य है।
इसमें जानकारी दी गई कि व्यक्तिगत वनपट्टा 6186 एकड़, कुल रकवा 10621.15 हेक्टेयर का वितरण किया गया है। जबकि सामुदायिक वनपट्टा कुल 88 एकड़ कुल रकवा 2083.74 हेक्टेयर भूमि सामुदायिक वन पंट्टे वितरित हुए हैं। उपायुक्त ने कहा कि 13 दिसंबर 2005 से पूर्व दावा, दखल करने वाली आदिम जनजातियों को वन पट्टा दिया गया है। 75 वर्ष या 3 पीढ़ी से रह रहें अन्य जनजातियों को यह वन पट्टा वितरित किया गया। जिले में 14 वनग्राम हैं जबकि यूएनडीपी के सर्वे में सिर्फ गोईलकेरा में 72 वनग्राम हैं। इन्हें राजस्व ग्राम के रूप में स्वीकृति देने के लिए कमेटी बनाकर स्थल जांचकर प्रक्रिया आगे बढ़ाने का निर्देश दिया गया है। उपायुक्त ने कहा कि जो लोग वनग्रामों में रह रहें हैं, उनके स्थल जांच के लिए अंचलाधिकारी तथा वन के पदाधिकारी उचित कार्रवाई करेंगे।
इस संबंध में कहा गया कि चक्रधरपुर के कुलीतोड़ाग पंचायत में सिलकापी, नोवामुंडी के मेघाहातुबुरू उत्तरी के चेरवालोर, कायदा के टोकोबेड़ा, हालमादबेड़ा व आराहासा गोइलकेरा के नाकाहासा, चिनीबड़ी आदि गांवों को वनग्राम के रूप में स्वीकृति नहीं मिली है। डीसी ने एक सप्ताह के अंदर वन प्रमंडल पदाधिकारियों, अनुमंडल पदाधिकारियों, अंचालाधिकारियों तथा यूएनडीपी एवं एनजीओ के सदस्यों के साथ बैठक बुलाने का निर्देश जनजातीय विकास अभिकरण के निदेशक को दिया गया है। उन्होंने गोइलकेरा प्रखंड से प्रस्तावित दो सामुदायिक वन पट्टो के लिए कार्रवाई तुरंत करने का निर्देश दिया।
बैठक में यूएनडीपी के अरूणा तिर्की, संजय गौतम ट्रेनर सहित जिले के अंचलाधिकारी, रेंजर तथा एनजीओ के सदस्य समेत अन्य उपस्थित थे।