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बड़ाजामदा अस्पताल में नहीं मिलता एंटी रेबीज इंजेक्शन

बड़ाजामदा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व रुतागुटु रेफरल अस्पताल में एंटी रेबीज इंजेक्शन नहीं है।

By JagranEdited By: Published: Mon, 10 Feb 2020 08:08 PM (IST)Updated: Mon, 10 Feb 2020 08:08 PM (IST)
बड़ाजामदा अस्पताल में नहीं मिलता एंटी रेबीज इंजेक्शन

संवाद सूत्र, नोवामुंडी : बड़ाजामदा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र व रुतागुटु रेफरल अस्पताल में पिछले एक महीने से एंटी रेबीज मेडिसिन के अभाव में कुते काटे गए रोगियों को इंजेक्शन मिलना बंद हो गया है। दवा के अभाव में अब तक चार रोगियों को इलाज किए बिना अस्पताल से लौटा दिया गया है।

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बड़ाजामदा रेलवे फाटक समीप रहने वाले स्कूली छात्र संतोष कुमार साहू समेत नोवामुंडी डुकासाई के रंजीत सांडिल के आलावा दिरीबुरु पंचायत के अन्य दो लोगों का नाम शामिल है। संतोष कुमार साहू को 31 दिसंबर के दिन पांच की जगह केवल एक ही इंजेक्शन दी गई है। बाकी स्टॉक में नहीं होने की बात कहकर प्राइवेट दवा खाना से सुई लेने का सुझाव देकर भेज दिया गया।

डुकासाई के रंजीत सांडिल ने जगन्नाथपुर अस्पताल जाकर अबतक तीन इंजेक्शन ले चुका है। जितने भी लोगों को कुत्ते काटे हैं वे लोग निर्धन परिवार से आते हैं। परिजनों के पास इतने पैसे भी नहीं है कि वह किसी नजदीकी निजी दवाखाना से अधिक कीमत देकर इलाज करा सके। ऐसे तो सरकारी स्तर पर निश्शुल्क मुहैया होने वाले एंटी रेबीज इंजक्शन की कीमत खुले बाजार में सात से आठ सौ रुपये में बिक रहा है। आश्चर्य की बात तो यह है झारखंड सरकार ने सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर समय पर कुत्ते काटे गए लोगों को इंजेक्शन देकर इलाज के लिए एंटी रेबीज मेडिशिन की व्यवस्था कर रखी है, लेकिन बड़ाजामदा व रुतागुटु स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इसी साल 31 दिसंबर को एंटी रेबीज इंजेक्शन खत्म हो चुका है। बिनोद कुमार साहू ने बताया कि संतोष कुमार साहू को बड़ाजामदा फुटबाल मैदान समीप 31 दिसंबर के दिन आसपास मौजूद कुत्ते ने काट लिया था। इसकी खबर मिलते ही इलाज के लिए अस्पताल ले गए थे। बाद में प्रभारी डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार ने सिर्फ एक ही इंजेक्शन देकर यह कहकर लौटा दिया कि रुतागुटु और बड़ाजामदा अस्पताल में एंटी रेबीज दवा दवा खत्म हो चुकी है। जिले के सदर अस्पताल से ही मिल सकती है। युवक को चार जनवरी, छह जनवरी और 11 जनवरी के दिन इंजेक्शन लेना था, लेकिन इंजेक्शन नहीं होने के कारण देशी जड़ी बूटी का सहारा लेना पड़ रहा हैं।

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31 दिसंबर 2019 से ही एंटी रेबीज इंजेक्शन का स्टॉक खत्म हो चुका है। कुत्ते काटे गए रोगी पहुंचने पर कुछ लोगों को जगन्नाथपुर स्वास्थय केंद्र से सुई लेने के लिए भेज दिया जा रहा है। सुई उपलब्ध करने के लिए सदर अस्पताल में सूचना दे दी गई है।

--डॉक्टर ब्रज किशोर सिन्हा,रुतागुटु सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र।


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