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धान क्रय को लेकर सरकारी व्यवस्था पर टिकी किसानों की निगाहें

जागरण संवाददाता, चाईबासा : झारखंड राज्य गठन के 18 साल बीत जाने के बावजूद क्षेत्र के किसान स

By JagranEdited By: Published: Tue, 16 Oct 2018 08:13 PM (IST)Updated: Tue, 16 Oct 2018 08:13 PM (IST)
धान क्रय को लेकर सरकारी व्यवस्था पर टिकी किसानों की निगाहें
धान क्रय को लेकर सरकारी व्यवस्था पर टिकी किसानों की निगाहें

जागरण संवाददाता, चाईबासा : झारखंड राज्य गठन के 18 साल बीत जाने के बावजूद क्षेत्र के किसान सरकारी लाभ पाने से वंचित हैं। सरकारी तंत्र की उदासीनता के कारण किसानों को समय पर खाद-बीज नहीं मिल पाता है और ना ही समय पर किसानों को अपने धान की सही कीमत मिलती है। सरकार ने सरकारी दर पर धान क्रय करने, खाद-बीज देने की व्यवस्था तो की है पर इसका लाभ किसानों को नहीं मिल पाता है। नतीजतन चाह कर भी इलाके के किसान अपनी आर्थिक स्थिति बेहतर नहीं कर पाते हैं। वर्तमान में धान खरीद के लिए अभी तक पश्चिम ¨सहभूम जिला सहकारिता विभाग को कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। इस वजह से क्षेत्र के किसान चिंता में पड़ गए हैं। सहकारिता विभाग के अनुसार इस बार सरकार ने किसानों को राहत देने के लिए धान क्रय समर्थित मूल्य 1550 रुपये से बढ़ाकर 1700 रुपये कर दिया है। लेकिन यह स्पष्ट नहीं किया है कि इस बार भी धान क्रय फूड कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड से अधीकृत एजेंसी नेशनल कोलेट्रल मैनेजमेंट सर्विस लिमिटेड (एनसीएमएल) के जरिए किया जाएगा या पुरानी पद्धति लैंपस के माध्यम से किया जाएगा।

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पश्चिम ¨सहभूम में 2017 में मात्र 2 फीसद किसान ही सरकार को बेच पाए थे धान

पश्चिम ¨सहभूम में करीब 1.5 लाख किसान पंजीकृत हैं। 2017 में मात्र 3000 किसानों को ही एफसीआइ ने कवर किया था। शेष सभी किसानों को औने-पौने दाम पर खुले बजार में अपना धान बेचना पड़ा था। स्थिति यह थी कि 31 मार्च तक एफसीआइ ने धान खरीद किया ही नहीं था। बाद में सरकार ने धान क्रय की अंतिम तिथि बढ़ाकर 30 अप्रैल कर दी थी। इसके बावजूद एजेंसी ने कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई। नतीजतन मात्र दो फीसद ही किसान धान क्रय योजना में कवर हो पाए थे।

किसानों का कहना है कि 2011-12, 2012-13 में जब लैंपस के माध्यम से धान क्रय होता था तो बड़ी संख्या में किसान लाभान्वित होते थे। जब से यह अधिकार एफसीआइ के पास आ गया तभी से परेशानी बढ़ी है। उल्लेखनीय है कि सरकारी दर पर किसानों का धान क्रय करने का वादा तो सरकार करती है, लेकिन सही तरीके से मॉनीट¨रग न हो पाने के कारण किसानों को धान औने-पौने दामों में बेचना पड़ता है।

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सरकार की ओर से अभी तक धान क्रय को लेकर किसी तरह का कोई दिशा-निर्देश प्राप्त नहीं हुआ है। वहां से निर्देश मिलने के बाद किसानों को इसकी सूचना दे दी जाएगी। अभी तक यह भी स्प्ष्ट नहीं है कि धान क्रय लैंपस के माध्यम से होगा या एफसीआइ करेगी।

- जिला आपूर्ति पदाधिकारी, पश्चिम ¨सहभूम।


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