स्कूल जा रहे नर्सरी के छात्र की दुर्घटना में मौत
बच्चे को स्कूल पहुंचाने जा रहे पिता व दो बच्चों को हाइवा ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे नर्सरी में पढ़ रहे चार वर्ष के बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। घटना बुधवार की सुबह 9 बजे की बताई जा रही है।
जागरण संवाददाता, चाईबासा : बच्चे को स्कूल पहुंचाने जा रहे पिता व दो बच्चों को हाइवा ने अपनी चपेट में ले लिया जिससे नर्सरी में पढ़ रहे चार वर्ष के बच्चे की मौके पर ही मौत हो गई। घटना बुधवार की सुबह 9 बजे की बताई जा रही है। किसी कारणवश बुधवार को बच्चों को स्कूल पहुंचाने वाली सवारी गाड़ी नहीं आई जिस कारण मुरूम गांव निवासी पिता जोगेन्द्र महंता अपने चार वर्ष के बेटे शुभम महंता व तीन वर्षीय भगिनी निकिता तुम्बली को चाईबासा स्थित साई अमन स्कूल पहुंचाने जा रहे थे। शुभम बाइक पर आगे बैठा था। मुफस्सिल थाना अंतर्गत टेकासाई गांव के समीप एक गाड़ी को साइड देने के लिए योगेन्द्र ने बाइक को रोका। इसी दौरान पीछे से तेज रफ्तार से आ रहे हाइवा ने मोटरसाइकिल को धक्का मार दिया। धक्के के बाद हाइवा गाड़ी के पीछे का चक्का पिता जोगेंद्र के बाएं पैर को कुचलते हुए पार हो गया। वहीं, धक्के से शुभम चार फुट दूर जा गिरा और उसकी मौत हो गई। इस बीच गाड़ी के पिछले चक्के में मोटरसाइकिल फंस गई। करीब दस मीटर दूर तक घसीट कर हाइवा मोटरसाइकिल को साथ ले गई। कुछ दूर जाने के बाद हाइवा चालक गाड़ी रोककर मौके से उतरकर गाड़ी छोड़कर फरार हो गया। इधर, घटना के बाद ग्रामीणों ने 108 एंबुलेंस को बुलाकर दोनों जख्मियों को सदर अस्पताल भेज दिया। जहां डॉक्टरों ने शुभम को मृत घोषित कर दिया। वहीं घटना में तीन साल की बच्ची निकिता को हलकी चोट लगी है। घटना के बाद ग्रामीणों व परिजनों ने डेढ़ घंटे तक मुआवजे की मांग को लेकर चाईबासा-हाता मार्ग को जाम रखा । अंत में चाईबासा डीएसपी अमर पांडेय व मुफ्फसिल थाना प्रभारी दिग्विजय ¨सह ने घटनास्थल पहुंचकर लोगों को समझाकर जाम हटवाया। मुफ्फसिल थाना पुलिस ने घटना को अंजाम देने वाली गाड़ी व चालक को अपने कब्जे में ले लिया है। हाइवा गाड़ी त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी की है। कंपनी चाईबासा में रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण करा रही है। हाइवा उसी में चलती है। स्कूल वैन नहीं आने के कारण बेटे शुभम व भगिनी को स्कूल छोड़ने जा रहा था जोगेंद्र
पिता जोगेंद्र महंता ने बताया कि बच्चों का स्कूल सुबह 9:30 बजे से चल रहा है। स्कूल दूर होने के कारण उसकी मां ने नाश्ता टिफिन में भरकर शुभम को सुबह जल्दी से तैयार कर दिया था। गांव के पंद्रह लोगों के बच्चों को स्कूल पहुंचाने के लिए एक सवारी गाड़ी का इंतजाम किया गया है। बुधवार के दिन स्कूल वैन का ड्राइवर बुखार होने के कारण बच्चों को लेने नहीं आया इसीलिए मैं बच्चों को स्कूल छोड़ने जा रहा था। जब भी गाड़ी नहीं आती है तो बच्चों को स्कूल छोड़ने के बाद अपने कार्यस्थल सोनुवा जाता हूं। सोनुवा में मैं रोजगार सेवक के पद पर कार्यरत हूं। दोनों बच्चों को लाने के लिए भगिनी निकिता तुम्बली के पापा स्कूल जाते हैं। मैं उन्हें स्कूल पहुंचा कर अपने काम पर चल जाता हूं। घटना के बाद से परिवार में मातम छाया हुआ है। वहीं जिला व पुलिस प्रशासन के दबाव के बाद त्रिवेणी कंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से पीड़ित परिवार को 50 हजार रुपये की मदद की गई है। वहीं अन्य प्रावधान के अनुसार आगे लाभ दिया जाएगा।