अलमारी के लॉकर और बिस्तर के नीचे छिपा रखी थी घूस की रकम, जानिए Chaibasa News
घूस की रकम के साथ पकड़े गए कार्यपालक अभियंता के चाईबासा स्थित आवास पर एसीबी की टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया। आलमारी और विस्तर के नीचे से नौ लाख रुपये मिले।
चाईबासा, जागरण संवाददाता।भष्ट्राचार निरोधक ब्यूरो एसीबी जमशेदपुर की टीम ने 20 हजार रुपये घूस लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किए गए लघु सिंचाई प्रमंडल (चाईबासा) के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार विद्यार्थी के चाईबासा स्थित आवास पर बुधवार को सर्च ऑपरेशन चलाया। तालाशी के क्रम में टीम ने घर के अंदर रखी आलमारी के लॉकर और बिस्तर के नीचे से कुल 9 लाख 5 हजार 200 रुपये बरामद किए हैं। साथ ही कुछ दस्तावेज जब्त कर जमशेदपुर ले गयी है।
एसीबी के डीएसपी ने बताया कि मनोज कुमार विद्यार्थी को 20 जुलाई को 20 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेजा गया था। 20 जुलाई को ही हम लोगों ने मनोज को लेकर उसके गांधी टोला स्थित आवास में भी तालाशी ली थी। उक्त आवास अनिल कुमार सिंह का है। मनोज ने सारे कमरों की तालाशी करायी मगर एक कमरे में ताला लगा होने के कारण तालाशी नहीं की जा सकी थी। चाबी मांगने पर मनोज ने जवाब दिया था कि उक्त कमरे की चाबी मकान मालिक के जिम्मे है। उक्त कमरे में मकान मालिक रहते हैं।
सामने आई थी गुमराह करने की बात
अनुसंधान के क्रम में सत्यापन करने पर मकान मालिक द्वारा बताया गया कि उक्त कमरे में स्वयं मनोज कुमार विद्यार्थी ही रहते हैं। इससे यह प्रतीत हो गया कि अभियुक्त मनोज ने जांच दल को गुमराह किया था। 24 जुलाई को न्यायालय से सर्च वारंट प्राप्त कर मनोज के उक्त बंद कमरे की तालाशी लेने टीम चाईबासा आयी। यहां ताला तोड़कर कमरे की तालाशी ली गयी तो एक आलमारी के लॉकर से 879100 और बिस्तर के नीचे से 26100 रुपये बरामद किए। तालाशी में कुल कुल 9 लाख 5 हजार 200 रुपये नकद बरामद किए हैं।साथ ही कुछ दस्तावेज भी जब्त किए हैं।
1 लाख 60 हजार रुपये मांगी थी रिश्वत
मालूम हो कि लघु सिंचाई प्रमंडल, चाईबासा के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार विद्यार्थी ने बंदगांव प्रखंड में कृष्णलया कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा 8 लाख रुपये की लागत से बनायी जा रही 1000 मीटर पीसीसी सड़क निर्माण का 2 प्रतिशत के हिसाब से 1,60,000 हजार रुपये रिश्वत की मांग की थी। ठेकेदार टिंकू सिंह की शिकायत पर कार्रवई करते हुए इसकी पहली किश्त 20 हजार रुपये लेते हुए निगरानी की टीम ने 20 जुलाई को अभियंता को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था।