साधुचरण कुंटिया के आवेदन पर जवाब देने में आयुक्त ने लगाई रोक
संवाद सहयोगी, चाईबासा : कोल्हान आयुक्त कार्यालय ने पश्चिम ¨सहभूम के उपायुक्त को पत्र जारी कर
संवाद सहयोगी, चाईबासा : कोल्हान आयुक्त कार्यालय ने पश्चिम ¨सहभूम के उपायुक्त को पत्र जारी कर साधु चरण ¨सह कुंटिया के सरकारी सेवकों के खिलाफ प्राप्त परिवाद पत्र पर कार्रवाई विभागीय अनुदेशों का अनुपालन सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। पत्र में कहा गया है कि राम¨सह सवैंया जिला सचिव कांग्रेस कमेटी पश्चिम ¨सहभूम के द्वारा कहा गया है कि साधुचरण ¨सह कुंटिया नामक व्यक्ति कांग्रेस पार्टी का पदधारक व प्राथमिक सदस्य नहीं होने के बावजूद कांग्रेस कमेटी के महामंत्री के हैसियत से सरकारी सेवकों के खिलाफ अनावश्यक परिवाद पत्र दायर कर परेशान करता है। इसलिए साधुचरण ¨सह कुंटिया के किसी भी शिकायत पत्र पर कार्रवाई नहीं करने का अनुरोध किया गया है। इसलिए सरकारी सेवकों के खिलाफ प्राप्त परिवाद पत्र पर कार्रवाई की प्रक्रिया के संबंध में मुख्य सचिव के निर्देश को देखते हुए परिवाद पत्र चाहे वे अप्रत्यक्ष कितने भी विशिष्ट प्रतीत होते हों पर कार्रवाई नहीं की जानी है। आम जनता एवं लोक प्रतिनिधि से परिवाद पत्र प्राप्त होने पर जांच शुरू करने से पूर्व परिवादी से लिखित संपुष्टि प्राप्त करने के साथ-साथ उनसे शपथ पत्र लिया जाना है कि मामले की उनकी व्यक्तिगत जानकारी है तथा तथ्यों को प्रमाणित करने के लिए साक्ष्य देने को तैयार हैं। साधुचरण कुंटिया के शपथ व साक्ष्य नहीं देने पर उनका कोई भी आवेदन पत्र पर विचार नहीं किया जाए।
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पहले भी विवाद में फंस चुका है साधुचरण
साधुचरण ¨सह कुंटिया सूचना का अधिकार व मुख्यमंत्री जन सुनवाई समेत अन्य मामले में विभागीय कार्रवाई कराने के लिए लोगों को शिकायत करने के लिए कहता है। आए दिन किसी न किसी मामले में विभाग से फर्जी कांग्रेस महामंत्री बन कर सूचना की मांग करता है। इसके अलावा अन्य सरकारी विभाग में भी पदाधिकारी व कर्मियों से फर्जी रूप से विभाग की जानकारी मांगा करता है। इसे देखते हुए कांग्रेस समिति के जिला सचिव राम¨सह सवैंया ने आयुक्त को पत्र लिखकर उनके आवेदनों पर विचार करने की अपील की थी। उसी को लेकर कोल्हान आयुक्त कार्यालय से उनके आवेदन पर कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया गया है। कार्रवाई तभी किया जाएगा जब साधुचरण ¨सह कुंटिया सबूत के साथ शपथ पत्र विभाग में दाखिल करेंगे। साधुचरण कई मामले में पहले भी प्रचलित रहा है, जिसमें उनके ऊपर विभाग के पदाधिकारी व कर्मियों को परेशान करने का आरोप लगा है।