पंजाब के कारखाने से छुड़ाए गए पश्चिम सिंहभूम के 38 मासूम
मानव तस्करी के शिकार इन मासूमों में अधिकतर लड़कियां हैं। ये मासूम गोइलकेरा व सोनुवा प्रखंड के रहने वाले हैं।
चाईबासा, सुधीर पांडेय। पंजाब में लुधियाना शहर के एक बालगृह में पश्चिम सिंहभूम के 38 मासूम रखे गए हैं। इनकी उम्र 14 वर्ष से कम है। मानव तस्करी के शिकार इन मासूमों में अधिकतर लड़कियां हैं। ये मासूम गोइलकेरा व सोनुवा प्रखंड के रहने वाले हैं। लुधियाना शहर के जिस बालगृह में इन मासूमों को रखा गया है, उसे पकियाम मर्सी क्रास नामक संस्था संचालित करती है। यह बालगृह लुधियाना के इंदिरानगर स्थित फूलनवाला में है।
जानकारी के अनुसार, लुधियाना के एक कारखाने में सभी मासूमों से बाल श्रमिक के रूप में काम कराया जाता था। इसकी सूचना मिलने पर संबंधित एनजीओ ने पंजाब पुलिस से संपर्क स्थापित कर मामले की जानकारी दी। पंजाब पुलिस ने संबंधित कारखाने में छापेमारी कर सभी बच्चों को मुक्त करा लिया है। फिलहाल सभी बच्चों को उक्त बालगृह में रखा गया है। पंजाब पुलिस ने इस बारे में पश्चिम सिंहभूम पुलिस प्रशासन को जानकारी दी है। इस सूचना के आधार पर एसपी क्रांति कुमार गडिदेशी के निर्देश पर सोमवार को एक टीम लुधियाना के लिए रवाना होगी। टीम में चाईबासा के आहतू थाना प्रभारी बनारसी राम, सुरेंद्र यादव व अन्य सदस्य शामिल हैं।
आहतू थाना प्रभारी बनारासी राम ने बताया कि हम लोगों को लुधियाना में बच्चों को एक बालगृह में रखे जाने की सूचना मिली है। डीएसपी मुख्यालय के निर्देश पर टीम सोमवार को रवाना होगी। आहतू थाना की स्थापना चाईबासा में पांच साल पहले हुई थी। यह थाना मानव तस्करी से जुड़े मामलों को देखता है। पश्चिम सिंहभूम मानव तस्करों के लिए सबसे सेफ जोन माना जाता है। हर साल इस जिले से करीब 200 से ज्यादा बच्चों की तस्करी होती है। इस मामले में मानव तस्करी का सूत्रधार कौन है, यह खुलासा जांच के बाद ही होगा।
लुधियाना के एक कारखाने में पश्चिम सिंहभूम के 38 बच्चे काम कर रहे थे। विशेष शाखा की सूचना पर इन्हें छुड़ा लिया गया है। बच्चे बालगृह में रखे गए हैं। एक टीम सोमवार को बच्चों को लाने लुधियाना रवाना होगी। जांच के बाद मानव तस्कर पर कार्रवाई होगी।
- प्रकाश सोय, डीएसपी मुख्यालय, चाईबासा।