मैदान में खूब पसीना बहाते हैं 40 पार के युवा
मैदान में खूब पसीना बहाते हैं 40 पार के युवा
मैदान में खूब पसीना बहाते हैं 40 पार के युवा
संसू,कोलेबिरा(सिमडेगा):स्वास्थ्य सबसे बड़ा धन है। शारीरिक रूप से स्वस्थ लोग ही तमाम तरह के सुख-सुविधाओं का उपभोग कर पाते हैं। यही कारण है कि कोलेबिरा में इन दिनों 40 के उम्र पार कर चुके लोगों में भी फिटनेस के प्रति सजगता दिख रही है। वे मैदान में घंटों पसीना बहा रहे हैं।जिससे कि शारीरिक रूप से खुद को चुस्त-दुरुस्त रख सकें।वैसे भी कहा गया है कि जब जागो तब सबेरा।जंगलों,पहाड़ों,नदी-नाला से घिरे कोलेबिरा प्रखंड यूं तो खेल के लिए प्रसिद्ध रहा है।जहां बड़े स्तर पर हाकी एवं फुटबाल की प्रतियोगिताएं आयोजित होती रहीं हैं।यही कारण है कि 40 से 55 वर्ष के लोग भी 18 साल के बच्चों के साथ मिलकर विभिन्न खेल खेलते हैं। फुटबाल के साथ लोग वालीबाल भी खेलते हैं।इस संबंध में इस वालीबाल टीम में 50 पार उम्र के शिक्षक सुजीत कुमार कहते हैं अक्सर उम्र को लेकर चर्चाएं होती रहती हैं। उम्र का संबंध जितना गिनती से है, उससे कहीं ज्यादा आपकी सोच से है । यही सोच आपको वक्त से पहले बूढ़ा बना देती है और यही सोच आपको बूढ़ा नहीं होने देती। फर्क सारा सोच का है। यही फर्क उम्र के आखिरी पड़ाव पर भी आपको युवा बनाए रखता है।वहीं 45 पार उम्र के शिक्षक लालधन नायक कहते हैं बचपन के वे खेल जो हमें खूब भाते थे। ऐसा लगता था कि जैसे उन खेलों के लिए छुट्टियां आती थीं। लेकिन अब वो खेल कहां हैं ? आजके बच्चों को तो उन खेलों का नाम भी नहीं पता होगा। दोस्तों के साथ अक्कड़-बक्कड़,बम्बे बोल, छुपन-छुपाई, कबड्डी- कबड्डी, चोर-सिपाही, गिल्ली-डंडा जैसे तमाम खेल मौका मिलते ही खेलना शुरू कर देते थे। लेकिन अब यही खेल गुजरे जमाने के लगने लगे हैं। ये जगह अब मोबाइल ने ले लिया है।डिजिटल खेल के भंवरजाल में फंस रही भावी पीढ़ी आउटडोर गेम से तो रूझान एकबारगी घट गया है। बस अब जरूरत है आउटडोर गेम को बढ़ावा देने की, जिससे आने वाले युवा पीढ़ी की शारीरिक मानसिक और बौद्धिक विकास हो सके।