महिला हॉकी खिलाड़ियों की मौत को ले निकाला जुलूस
सिमडेगा हॉकी के दो युवा आदिवासी खिलाड़ियों की मौत मामले में पुलिस जांच पर सवाल उठाते ह
सिमडेगा : हॉकी के दो युवा आदिवासी खिलाड़ियों की मौत मामले में पुलिस जांच पर सवाल उठाते हुए विरोध मार्च सह धरना-प्रदर्शन का आयोजन किया गया। इस विरोध प्रदर्शन का आयोजन नेशनल फेडरेशन ऑफ इंडियन वीमेन द्वारा आदिवासी महिला नेटवर्क, बगैचा, एनएचआरओ, नरेगा वॉच, और यूनाइटेड मिल्ली फोरम जैसे कई संगठनों (जो कि झारखंड जनधिकार महासभा से जुड़े हुए हैं) के साथ मिल कर किया गया। विदित हो कि 11 अगस्त को, दो युवा आदिवासी लड़कियों, श्रद्धा शालिनी सोरेंग (14 वर्ष) और सुनंदिनी बागे (23 वर्ष) के शव सिमडेगा जिले के अरानी गांव में एक पेड़ से लटके हुए मिले थे। दोनों लड़कियां बेहतरीन हॉकी खिलाडी थीं। लड़कियां राउरकेला में मेरी पूर्ती नामक एक महिला के साथ रहीं है, जिन्होंने उनसे कोचिग मदद का वादा किया था। श्रद्धा के पिता राजेश सोरेंग ने सभा को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जांच शुरू करने से पहले ही खुद सिमडेगा पुलिस ने दावा किया गया कि यह आत्महत्या है। इधर दोनों लड़कियों के परिजन ने यह भी कहा कि पुलिस के द्वारा हॉकी खिलाड़ियों को समलैंगिग बताए जाने की बात भी गलत है। सबों ने उक्त घटना को आत्महत्या नहीं, बल्कि हत्या का दावा करते हुए मामले की गंभीरता से जांच की मांग की। एनएफआईडब्ल्यू की तारामणी साहु ने सभा को संबोधित किया और इस मामले की गहनता से जांच की मांग की। धरना के अंत में प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल को संबोधित एक ज्ञापन स्थानीय प्रशासन को सौंपा और जिसमें एक विशेष जांच दल का गठन कर नए सिरे से मौत, हत्या की संभावना और कोच के खिलाफ आरोपों की जांच की मांग की। जांच में चूक, आत्महत्या का झूठा मुकदमा बनाने और पीड़ितों के चरित्र हनन के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। मौके पर समी आलम, दिलीप तिर्की,फुलजेंसिया बिलुंग भी उपस्थित थीं।