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कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल, घरों में दुबकने को मजबूर

सिमडेगा : पूस महीने में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ठ

By JagranEdited By: Published: Sun, 30 Dec 2018 10:41 PM (IST)Updated: Sun, 30 Dec 2018 10:41 PM (IST)
कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल, घरों में दुबकने को मजबूर
कड़ाके की ठंड से जनजीवन बेहाल, घरों में दुबकने को मजबूर

सिमडेगा : पूस महीने में पड़ रही कड़ाके की ठंड ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है। ठंड की वजह से लोग घरों में दुबकने को विवश हैं। ठंड का आलम यह है कि लोग सूरज निकलने के बाद ही बिस्तर से उठ रहे हैं, वहीं शाम ढलने से पहले ही लोग अपने घर पहुंच जा रहे हैं। इधर तापमान की बात करें तो इसमें लगातार गिरावट देखी जा रही है। पारा 6-7 डिसी तक पहुंच गया है। इधर घरों में भी लोग राहत नहीं महसूस कर रहे हैं। हाथ-पैर ठंडे पड़ जा रहे हैं। ठंड से बचाव के लिए लोग अलाव का सहारा ले रहे हैं। इधर ठंड की वजह से घरों में बच्चे-बूढ़े सभी को परेशानी उठानी पड़ रही है। वैसे सरकारी स्कूलों में शीतलकालीन अवकाश शुरू हो गया है, वहीं कई निजी विद्यालय खुले हैं। हालांकि ठंड को देखते हुए समय सारिणी में परिवर्तन किया गया है। इधर ठंड के कारण दैनिक कामकाज पर भी असर पड़ रहा है। दैनिक कामगर भी ठंड में कंपकंपाते हुए काम पर जाते हुए देखे जा रहे हैं। इधर ठंड को लेकर लोग पूरे दिनभर स्वेटर, जैकेट, मफलर आदि पहनकर कार्य पर जा रहे हैं। ऑफिस में लगातार कार्य करना भी कठिन लग रहा है। इधर सर्द का मौसम के कारण दिन छोटा हो रहा है, तो रातें लंबी हो रही है। ऐसे में लोगों को कब सुबह हुआ, कम शाम ढल गई, पता ही नहीं चल रहा। गर्मी में जहां परेशानी का सबब बनने वाला धूप सर्दी के लिए वरदान साबित हो रहा है। लोग अपने घरों का काम शीघ्र निपटाकर धूप सेंकने के लिए घंटों बैठे रह रहे हैं। ठंड के कारण बाजार में भी चहल-पहल कम देखी जा रही है। इधर जिला प्रशासन के द्वारा कई चौक-चौराहों में अलाव का प्रबंध किया गया है। वहीं असहायों के बीच कंबल का वितरण भी शुरू किया गया है। जिससे लोगों को राहत मिली है।

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