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माइकिल किडो से जुड़ी स्मृतिया नई पीढ़ी को देती रहेगी प्रेरणा

हाकी क्षेत्र का चमकता सितारा सह अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय हाकी ि

By JagranEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 10:16 PM (IST)Updated: Thu, 31 Dec 2020 10:16 PM (IST)
माइकिल किडो से जुड़ी स्मृतिया नई पीढ़ी को देती रहेगी प्रेरणा

जासं,सिमडेगा: हाकी क्षेत्र का चमकता सितारा सह अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी माइकल किडो गुरुवार को दुनिया को सदा के लिए अलविदा कह गए। उन्होंने आजीएच हास्पिटल राउरकेला में अंतिम सांस ली। विदित हो कि 1975 विश्वकप में स्वर्ण पदक विजेता भारतीय हाकी टीम के आयरन गेट, 1972 ओलंपिक में कांस्य पदक, 1971 विश्व कप में कांस्य पदक, 1973 विश्व कप में रजत पदक सहित एशियन गेम, एशिया कप, कामनवेल्थ गेम सहित दुनिया की सभी बड़ी प्रतियोगिता में भी भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करते हुए कई पदक जीत चुके व अर्जुन अवार्ड से सम्मानित अंतरराष्ट्रीय हाकी खिलाड़ी माइकल किडो अब नहीं रहे। हालांकि उनसे जुड़ी स्मृतियां युगों तक खिलाड़ियों

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को प्रेरणा देती रहेंगी। जानकारी के अनुसार सुबह में अचानक उनकी तबीयत बिगड़ी और उन्हें हास्पिटल राउरकेला में भर्ती कराया गया था, लेकिन उन्हें बचाया नहीं जा सका।

माइकल किडो झारखंड के सिमडेगा जिला के कुरडेग प्रखंड अंतर्गत बैघमा गांव में जन्म लिए थे और सेना की नौकरी करते हुए वे भारतीय टीम तक पहुंचे थे। सेना से सेवानिवृत्ति के बाद सेल राउरकेला में वे हाकी का प्रशिक्षण देते थे और वही अब बस चुके थे। उनका निधन खेल जगत के लिए बहुत ही अपूरणीय क्षति है। वे हमेशा सिमडेगा आते थे और नन्हें खिलाड़ियों से मिलकर अपने अनुभवों को साझा कर खिलाड़ियों को हमेशा प्रोत्साहित करते थे। हाकी सिमडेगा और हाकी झारखंड ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। महानतम खिलाड़ी को देश-दुनिया ने खोया:बेंजामिन

सिमडेगा:हाकी के दिग्गज खिलाड़ी रहे माइकल किडो के निधन पर पूर्व महालेखाकार सह कांग्रेस के वरीय पदाधिकारी बेंजामिन लकड़ा ने गहरा शोक व्यक्त किया है। उन्होंने कहा कि देश व दुनिया ने अपने सबसे महान हाकी खिलाड़ियों में से एक को खो दिया है। उन्होंने बताया कि माइकल किडो को ओलंपियन कहा जाना काफी पसंद था। वे अपने समय के सबसे महान हाकी खिलाड़ियों में से एक होने के अलावा बहुत ही जिदादिल इंसान थे।बहुत कम लोग जानते हैं कि वे बहुत अच्छे लेखक और वक्ता भी थे।उन्होंने बताया कि वे दोनों 1972 से बहुत करीबी दोस्त थे। उन्होंने दिवंगत दिग्गज खिलाड़ी की आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना करते हुए पीड़ित परिवार को सांत्वना दिया।


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