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जिले को मानव तस्करी से मुक्त करना प्राथमिकता : डीसी

सिमडेगा:जिला आकांक्षी रूपांतरण कोषांग, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला विधिक सेवा प्राधिकार

By JagranEdited By: Published: Wed, 13 Feb 2019 09:52 PM (IST)Updated: Wed, 13 Feb 2019 09:52 PM (IST)
जिले को मानव तस्करी से मुक्त करना प्राथमिकता : डीसी

सिमडेगा:जिला आकांक्षी रूपांतरण कोषांग, जिला बाल संरक्षण इकाई, जिला विधिक सेवा प्राधिकार सिमडेगा एवं बचपन बचाओ आंदोलन झारखंड के संयुक्त तत्वाववधान में बाल संरक्षण विषयक 'विधि का सिद्धि अभियान' के तहत विधिक जागरूकता शिविर - सह - कार्यशाला का आयोजन किया गया।कार्यशाला का आयोजन सिमडेगा प्रखंड के सभागार में किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता उपायुक्त सह- अध्यक्ष, जिला बाल संरक्षण इकाई, सिमडेगा द्वारा की गई। आकांक्षी जिला रूपांतरण कोषांग के सात्विक मिश्रा ने इस विधिक जागरूकता कार्यक्रम के संबंध में बताया कि यह कार्यक्रम प्रत्येक प्रखण्ड के मुख्यालय में किया जा रहा है। जिसमें बच्चों से संबंधित कानूनों की जानकारी दी जा रही है। बचपन बचाओ आंदोलन के ब्रजेश मिश्रा ने उपस्थित प्रतिभागियों से अनुरोध किया कि बच्चों से संबंधित मामलों को लिखित में बाल कल्याण समिति के समक्ष प्रस्तुत करें। जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव अमित कुमार वैश्य ने बताया कि राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देशानुसार एवं झारखंड राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के तत्वाधान में, जिला विधिक सेवा प्राधिकार, सिमडेगा के द्वारा समाज हित में दस स्कीम चलाये जा रहे हैं। इनमें से एक स्कीम बाल अधिकारों की सुरक्षा के प्रभावी कार्यान्वयन से संबंधित है। प्राधिकार बच्चों के हित और उनकी सुरक्षा के लिए विभिन्न स्तरों पर लगातार प्रयासरत है। इस क्रम में जरूरत बच्चों को नि:शुल्क अधिवक्ता, पारा लीगल वोलेंटियर द्वारा विधिक सहायता सेवा, विधिक जागरूकता कार्यक्रम, उन्मुखीकरण कार्यशाला पर ध्यान दिया जा रहा है। वर्तमान में देख रेख एवं संरक्षण के बालकों के लिए झारखंड पालन-पोषण, देख-रेख दिशा निर्देश 2018 एवं झारखंड प्रायोजन दिशा निर्देश 2018 प्राप्त है। उक्त दोनों दिशा निर्देश के अंतर्गत संचालित योजनाओं से 14 - 18 वर्ष आयु वर्ग के छिजित अनाथ बालिकाएं तथा 06-10 वर्ष आयु वर्ग के अनाथ बालक, बालिकाएं जो विद्यालय नही जाते हैं को सरकार की अन्य योजनाओं से लाभान्वित करने हेतु इनकी पहचान करने का अभियान तथा इससे संबंधित कार्य करने वाले संस्था के उन्मुखीकरण कार्यशाला आयोजित की जा रही है। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद उपायुक्त सह अध्यक्ष जिला बाल संरक्षण इकाई विप्रा भाल ने कहा कि इस जिले में मानव तस्करी को सभी के सहयोग खत्म करना है, इसके लिए जिले के हर व्यक्ति को जागरूक होने की जरूरत है। बच्चे देश के भविष्य है, बच्चो का बचपन सुरक्षित रहेगा तभी देश सुरिक्षत रहेगा।

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