बोलबा में जंगली हाथियों ने तीन घर किए ध्वस्त
बोलबा: प्रखंड में हाथियों से ग्रामीणों को होने वाली परेशानी लगातार बढ़ रही है। सोमवार रात को मछकट्टा बंडाटोली में तीन ग्रामीणों के घर ध्वस्त कर अनाज चट करने के बाद मंगलवार की शाम एवं आधी रात को फिर हाथियों ने मालसाडा़ मकड़ीटोली निवासी जोसेफ टेटे के परिवार को जमकर नुकसान पहुंचाया। द्गद्यद्गश्चद्धड्डठ्ठह्ल ड्डह्लह्लड्डष्द्म
बोलबा: प्रखंड में हाथियों से ग्रामीणों को होने वाली परेशानी लगातार बढ़ रही है। सोमवार रात को मछकट्टा बंडाटोली में तीन ग्रामीणों के घर ध्वस्त कर अनाज चट करने के बाद मंगलवार की शाम एवं आधी रात को फिर हाथियों ने मालसाडा़ मकड़ीटोली निवासी जोसेफ टेटे के परिवार को जमकर नुकसान पहुंचाया।
इस संबंध में पीड़ित जोसेफ टेटे के भाई लुकस टेटे ने बताया कि शाम लगभग 5बजे हाथियों का झुंड अचानक आ धमका। हाथियों ने घर ध्वस्त कर रखा हुआ चावल और गेहूँ खा कर चला गया। इसमें से अधिकांश अनाज जोसेफ को इस माह के राशन के रूप में राशन डीलर से मिले थे। हाथियों के आने की आहट से परिवार के सदस्यों ने घर से दूर भाग कर जान बचाई।
दोबारा रात में लगभग 12बजे हाथी फिर पहुंचे और जैसे के घर को ही अपना टारगेट बनाया। जोसेफ के घर के एक और हिस्से को ध्वस्त कर बुआई के लिए रखे गए लगभग 1 ¨क्वटल धान को भी चट कर दिया।साथ ही खाने-पकाने के अधिकांश बर्तनों को भी बर्बाद कर दिया। अपनी मनमानी और मस्ती के आलम में हाथियों ने घर की छत पर लगे सीमेंट एस्बेसटस की कई चादरों को भी तोड़ दिया।
हाथियों के इस प्रकार अचानक आ धमकने और कई प्रकार से नुकसान पहुंचाने से जोसेफ के समक्ष कई प्रकार की समस्याएं आ खड़ी हैं।उसके पास न खाने के लिए अनाज है और न खेतों में बुआई के लिए धान के बीज बचे। इतना ही नहीं बारिश के मौसम में उसके परिवार को सर छुपाने के लिए एक सही सलामत घर नहीं है, खाने -पकाने के लिए बरतनों का जुगाड़ भी उसकी बड़ी समस्या है।
विदित हो कि हाथियों से पहले भी जोसेफ टेटे के परिवार को बहुत नुकसान उठाना पड़ा है। कुछ साल पहले भी जोसेफ के घर को हाथियों ने लगभग पूरी तरह ध्वस्त कर दिया था। फिर हिम्मत जुटाकर और कुछ सरकारी मदद से उसने नया घर बनाया था, लेकिन हाथियों ने फिर से उसके घर को ध्वस्त कर उसे बहुत ही बदहाल स्थिति में ला छोड़ा है। ग्रामीण क्षेत्र से हाथियों को निकालने के लिए वन विभाग से लगातार गुहार लगा रहे हैं,वन विभाग अपनी पूरी क्षमता से हाथियों को भगाने के लिए प्रयास भी करता है, परंतु अब तक वन विभाग हाथियों को स्थायी रूप से क्षेत्र से निकालने में विफल ही रहा है।