कोलेबिरा विधानसभा उपचुनावः एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का ने किया नामांकन
Colebeera assembly bypoll. कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव के लिए एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का ने नामांकन दाखिल किया।
सिमडेगा, जेएनएन। कोलेबिरा विधान सभा उपचुनाव के लिए गुरुवार को झारखंड पार्टी की ओर से पूर्व विधायक एनोस एक्का की पत्नी मेनन एक्का ने नामजदगी का पर्चा दाखिल किया। भारी संख्या में समर्थकों के साथ समाहरणालय पहुंचीं। जहां उन्होंने एसी अरविंद कुमार के समक्ष नामांकन दाखिल किया। इस प्रकार मेनन एक्का नामांकन दाखिल करने वाली पहली प्रत्याशी बनीं।
इस मौके पर पार्टी कार्यकारी केंद्रीय अध्यक्ष रेलेन होरो, केंद्रीय महासचिव अशोक भगत, केंद्रीय समिति सदस्य अरुण उन्मेश तिर्की, जिप उपाध्यक्ष बिरसा मांझी उपस्थित थे। इसके पूर्व जीप अध्यक्ष जुलूस के शक्ल में समाहरणालय पहुंचीं।
कोलेबिरा विधायक एनोस एक्का की विधायकी रद होने के बाद उपचुनाव में उनकी पत्नी मेनन एक्का ने उम्मीदवारी पेश की है। एक दिन पहले ही वे झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन से मिलकर समर्थन मांगा।
कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव में झामुमो देगा मेनन को समर्थन
कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव को लेकर सियासी माहौल गर्म होने लगा है। बुधवार को झारखंड मुक्ति मोर्चा के रुख ने इसे और रोचक बना दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के शीर्ष नेतृत्व ने मेनन एक्का को समर्थन देने की घोषणा की है। मेनन एक्का पूर्व विधायक एनोस एक्का की पत्नी हैं। हत्या के एक मामले में सजायाफ्ता एनोस एक्का विधानसभा की सदस्यता गंवा चुके हैं। इसी वजह से इस सीट पर उपचुनाव की नौबत आई है। 20 दिसंबर को यहां चुनाव होने हैं। मेनन एक्का झारखंड पार्टी की प्रत्याशी होंगी। बुधवार को समर्थन मांगने के लिए वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन के मोरहाबादी स्थित सरकारी आवास पहुंचीं। इस दौरान पार्टी के वरीय नेता उनके साथ थे। झारखंड मुक्ति मोर्चा के महासचिव विनोद पांडेय भी बैठक में मौजूद थे। मेनन एक्का ने शिबू सोरेन से समर्थन की गुहार लगाई। उन्होंने इसपर हामी भर दी और जीत का आशीर्वाद दिया। गौरतलब है कि मेनन एक्का ने तमाम दलों से समर्थन की अपील की है। संभावना प्रबल है कि अन्य विपक्षी दल भी मेनन एक्का को समर्थन देने की घोषणा कर सकते हैं।
महागठबंधन की राह में मील का पत्थर
कोलेबिरा विधानसभा उपचुनाव झारखंड में विपक्षी महागठबंधन के लिए मील का पत्थर साबित हो सकता है। झारखंड मुक्ति मोर्चा ने पूर्व में कोलेबिरा में प्रत्याशी देने का एलान किया था। बदली राजनीतिक परिस्थिति में कोलेबिरा का उपचुनाव रोचक होगा। विपक्षी महागठबंधन में छोटे दलों की एंट्री की राह इससे मजबूत होगी। एनोस एक्का का प्रभाव सिमडेगा और उसके समीपवर्ती इलाके में है। आगामी लोकसभा और विधानसभा चुनाव में उनकी भूमिका बड़ी हो सकती है।
उपचुनाव के दौरान महागठबंधन में शामिल दलों की एका से आने वाले दिनों में इनके बीच बेहतर समझ पैदा होगी। हाल के दिनों में महागठबंधन की कवायद में लगे विपक्षी दलों के संबंध कड़वे हुए हैं। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष शिबू सोरेन ने कई मौके पर बगैर तालमेल के चुनाव लड़ने की घोषणा की है। कांग्रेस में भी इसे लेकर संशय की स्थिति है। ऐसे में कोलेबिरा दुविधा की स्थिति से विपक्षी खेमे को निकालने में मददगार साबित हो सकता है।