रतनपुर में पेयजल संकट, ग्रामीण परेशान
कांड्रा थाना अंतर्गत रतनपुर रघुनाथपुर गांव में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। गांव में स्थित एकमात्र चापाकल गांव की लगभग 500 की आबादी के लिए निर्भर है। एक ओर जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए लोगों को शारीरिक दूरी बरतने की लगातार हिदायत दी जा रही है वहीं दूसरी ओर एक ही चापाकल से सैकड़ों लोगों के पानी भरने से शारीरिक दूरी के अनुपालन के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। महिलाएं दूसरे गांव से पानी लातीं हैं।
जासं, सरायकेला : कांड्रा थाना अंतर्गत रतनपुर रघुनाथपुर गांव में पेयजल संकट उत्पन्न हो गया है। गांव में स्थित एकमात्र चापाकल गांव की लगभग 500 की आबादी के लिए निर्भर है। एक ओर जहां कोरोना वायरस के संक्रमण को कम करने के लिए लोगों को शारीरिक दूरी बरतने की लगातार हिदायत दी जा रही है, वहीं दूसरी ओर एक ही चापाकल से सैकड़ों लोगों के पानी भरने से शारीरिक दूरी के अनुपालन के नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं। महिलाएं दूसरे गांव से पानी लातीं हैं। ऐसे में प्रवासी मजदूरों के गांव वापस लौट आने से किसी अनहोनी की आशंका से इन्कार नहीं किया जा सकता। ग्राम प्रधान रमेश मंडल के मुताबिक पूर्व में गांव में स्थित नीलांचल आयरन एंड पावर कंपनी द्वारा पाइप लाइन के माध्यम से पेयजल की आपूर्ति की जा रही थी। कितु मरम्मत और उचित रखरखाव के अभाव में यह व्यवस्था भी जीर्णशीर्ण होकर ठप हो गई। ग्राम प्रधान एवं ग्राम वासियों के अनुरोध पर कंपनी प्रबंधन ने क्षतिग्रस्त पाइप लाइन को दुरुस्त करने की कवायद शुरू तो की, कितु कार्य आधा अधूरा रह गया। परिणाम स्वरूप आज एक बड़ी आबादी शुद्ध पेयजल के लिए त्राहिमाम कर रही है।
कंपनी के महाप्रबंधक गंगाधर बाजपेई ने दैनिक जागरण को बताया कि कतिपय स्थानीय लोगों के असहयोग के कारण जलापूर्ति योजना खटाई में पड़ गई है। कितु आने वाले एक सप्ताह में कंपनी प्रबंधन सारी बाधाओं और अड़चनों को दूर कर शीघ्र ही शुद्ध पेयजल आपूर्ति व्यवस्था कर दी जाएगी। जानकारों के मुताबिक कंपनी प्रबंधन जो नई पाइप लाइन बिछाने का कार्य कर रही थी, उसे स्थानीय लोगों ने बाधित कर दिया है। उनका कहना है कि उनकी जमीन से होकर वह पाइपलाइन को पार नहीं करने देंगे। ऐसे में कतिपय जमीन मालिकों की हठधर्मिता से सैकड़ों लोग शुद्ध पेयजल पाने से वंचित हो रहे हैं, साथ ही इस कोरोना कॉल में व्यापक संक्रमण को भी आमंत्रण दे रहे हैं।