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कमलपुर के सौ परिवार एक चापाकल पर निर्भर

गर्मी आते ही प्रखंड के कमलपुर गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। गांव के पांच सौ लोग सिर्फ एक चापाकल पर निर्भर हैं।

By JagranEdited By: Published: Sun, 31 Mar 2019 06:33 PM (IST)Updated: Sun, 31 Mar 2019 06:33 PM (IST)
कमलपुर के सौ परिवार एक चापाकल पर निर्भर

संवाद सूत्र, राजनगर : गर्मी आते ही प्रखंड के कमलपुर गांव में पेयजल संकट गहरा गया है। ग्रामीणों के समक्ष पेयजल समस्या उत्पन्न हो गई है। गांव में करीब सौ परिवार रहते हैं। इतनी बड़ी आबादी मात्र एक चापाकल और एक सोलर टंकी पर निर्भर हैं। मुखिया फंड से लगे सोलर टंकी से बूंद-बूंद पानी टपकता है। यहां पानी के लिए ग्रामीणों की लाइन लग जाती है। वहीं चापाकल गर्मी में हांफने लगता है। एकमात्र चापाकल पर सुबह से पानी के लिए महिलाओं की भीड़ लग जाती है। जलस्तर नीचे चले जाने से और परेशानी बढ़ जाती है। ऐसी स्थिति में ग्रामीणों को तालाब का भी पानी पीना पड़ता है। ग्रामीणों ने कई बार विभाग एवं जनप्रतिनिधियों से गांव में और चापाकल लगाने की मांग की है, लेकिन ग्रामीणों की कोई नहीं सुन रहा। इससे जनप्रतिनिधियों के प्रति ग्रामीणों में नाराजगी है। ग्रामीणों ने बताया कि जनप्रतिनिधि सिर्फ चुनाव के समय दिखाई देते हैं इसके बाद पांच साल नजर नहीं आते। क्या कहते हैं ग्रामीण

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गांव में एक चापाकल और एक सोलर टंकी है। गांव की आबादी करीब पांच सौ है। पानी के लिए लंबी लाइन लगी रहती है। सोलर टंकी से पानी बहुत थोड़ा थोड़ा निकलता है। विभाग के लोग आते हैं जैसे तैसे बना कर चले जाते हैं। कुछ दिन बाद फिर खराब हो जाती है। गांव में और चापाकल की जरूरत है।

किशन लाल ज्योतिषी गांव में सिर्फ एक चापाकल है और आबादी पांच सौ। पानी के लिए लोग इधर उधर की दौड़ लगाते हैं। गांव के पुरुष दूसरे गांव शोभापुर और जोजोसाई से पानी लाने जाते हैं। फिर भी पानी नहीं मिल पाता, क्योंकि वहां भी पानी की समस्या है। अप्रैल मई में तो चापाकल से पानी ही नहीं निकलता है।

पुरेंद्र ज्योतिषी, ग्रामीण गांव में पानी के लिए बहुत मुश्किल है। पूरे गांव में सिर्फ एक चापाकल है। चापाकल पर पानी के लिए सुबह से लंबी लाइन लग जाती है। रोज-रोज का यही हाल है। गर्मी में जलस्तर नीचे चले जाने से काफी देर बाद एक बाल्टी पानी भरता है। गांव में दो और चापाकल लगना चाहिए।

- पंकजनी ज्योतिषी, ग्रामीण


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