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उत्कल दिवस पर भाषा-संस्कृति बचाने का संकल्प

सरायकेला में ओड़िया शिक्षक संघ ने उत्कल दिवस मनाया। मौके पर भाषा संस्कृति बचाने का संकल्प लिया।

By JagranEdited By: Published: Mon, 01 Apr 2019 06:16 PM (IST)Updated: Tue, 02 Apr 2019 06:36 AM (IST)
उत्कल दिवस पर भाषा-संस्कृति बचाने का संकल्प
उत्कल दिवस पर भाषा-संस्कृति बचाने का संकल्प

जागरण संवाददाता, सरायकेला : सरायकेला में उत्कल सम्मेलनी ओड़िया शिक्षक संघ के तत्वावधान में 84वां उत्कल दिवस मनाया गया। मौके पर ओड़िया समुदाय के लोगों ने उत्कलमणी पं गोपबंधु दास व उत्कल गौरव मधुसूदन दास की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। अपनी भाषा व संस्कृति को बचाने का संकल्प लिया। साथ ही इसका प्रचार प्रसार करने का भी संकल्प लिया गया। मौके पर लक्ष्मी प्रिया कर ने उत्कल दिवस पर प्रकाश डालते हुए गोपबंधु के आदर्शो पर चलने का संकल्प दिलाया। उन्होंने कहा कि आज ही के दिन उत्कल अलग राज्य का गठन हुआ है। सरायकेला में हमें विरासत में मिली ओड़िया भाषा, संस्कृति एवं कला संरक्षण एवं संवर्धन हमारा दायित्व ही नहीं कर्तव्य है। हमें इसके लिए एकजुट होकर काम करना होगा। तभी हमारा भाषा-संस्कृति व कला का विकास होगा। उन्होंने ओड़िया भाषा में बोलचाल, पठन पाठन को भी बढ़ावा देने की अपील की। मौके पर नुपूर आचार्या, जूना करो, घासी राम महतो, रीता रानी, संतोष प्रधान, रुपम राणा, मौसमी होता, रीता दुबे आदि उपस्थित थी।

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