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बांदू पंचायत के मुखिया बोसेन मार्डी ने की खुदकुशी

राजनगर प्रखंड स्थित बांदू पंचायत के मुखिया बोसेन मार्डी ने फांसी के फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली है। शनिवार को मुखिया का शव केशरगाडिया गांव स्थित खेत में अर्जुन पेड़ से लटकता मिला। ग्रामीणों के अनुसार यह घटना शुक्रवार शाम की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही शनिवार की सुबह पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया..

By JagranEdited By: Published: Sun, 17 Jan 2021 07:10 AM (IST)Updated: Sun, 17 Jan 2021 07:10 AM (IST)
बांदू पंचायत के मुखिया बोसेन मार्डी ने की खुदकुशी
बांदू पंचायत के मुखिया बोसेन मार्डी ने की खुदकुशी

संवाद सूत्र, राजनगर : राजनगर प्रखंड स्थित बांदू पंचायत के मुखिया बोसेन मार्डी ने फांसी के फंदे से लटक कर खुदकुशी कर ली है। शनिवार को मुखिया का शव केशरगाडिया गांव स्थित खेत में अर्जुन पेड़ से लटकता मिला। ग्रामीणों के अनुसार यह घटना शुक्रवार शाम की बताई जा रही है। सूचना मिलते ही शनिवार की सुबह पुलिस घटना स्थल पर पहुंची और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। मुखिया की पत्नी ने बताया कि शुक्रवार की शाम वह अपने पति के साथ खलिहान में थी। बोसेन मार्डी सुबह से ही नशे में धुत थे। बार-बार कह रहे थे, आज मैं मर जाऊंगा। फिर कुछ देर बाद वे खेत की ओर जाने लगे। रोकने का प्रयास किया तो पत्थर मारकर भगाने लगे। उसके बाद गांव वालों को लेकर आई तो देखा कि वे अर्जुन की पेड़ पर फांसी के फंदे से लटके हुए थे। उन्होंने बताया कि उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं थी। हमेशा तनाव रहते थे। हत्या व दुष्कर्म के प्रयास में दो बार चुके थे जेल : पंचायत चुनाव-2015 में बोसेन मार्डी बांदू पंचायत से मुखिया निर्वाचित हुए थे। चुनाव के लगभग छह माह बाद मुरुमडीह क्रशर में हुई दो सुरक्षा गार्डो की हत्या मामले में पुलिस ने उन्हें मुख्य आरोपी बनाया था। इस मामले में उन्हें लगभग छह महीने तक जेल में थे। जेल से छूटने के बाद एक स्कूली बच्ची को दुष्कर्म की नीयत से स्कूल से ले जाने के आरोप में उन्हें जेल भेजा गया था। इन दोनों मामले में बोसेन मार्डी अभियुक्त थे। जेल जाने के कारण उन्हें मुखिया के अधिकार से हाथ धोना पड़ा। उनके मुखिया रहते पूरे कार्यकाल में वित्तीय शक्ति पंचायत के उपमुखिया के हाथ रही। जेल से छूटने के बाद बोसेन मार्डी ने कई बार जिला प्रशासन से वित्तीय शक्ति वापस प्रदान करने की मांग भी की। परंतु जिला प्रशासन ने उन्हें वित्तीय शक्ति प्रदान नहीं की। इस कारण वे हमेशा तनाव में रहते थे। हमेशा नशे का सेवन करता थे। परिवार में उनकी पत्नी व आठ साल का एक बेटा है। परिजनों ने मुखिया की मानसिक स्थिति ठीक नहीं होने की बात बताई है। घर के पीछे आम के पेड़ पर मुखिया ने फांसी लगा ली थी। पोस्टमार्टम के बाद मुखिया का शव परिजनों को सौंप दिया गया।। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है।

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- शंभू शरण दास, थाना प्रभारी राजनगर।


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