हटाए गए 53 शिक्षकों की सेवा बहाल
जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिला शिक्षा स्थापना समिति के अनुमोदन पर जिले में फर्जी व गलत ढंग से
जागरण संवाददाता, सरायकेला : जिला शिक्षा स्थापना समिति के अनुमोदन पर जिले में फर्जी व गलत ढंग से नियुक्त 53 शिक्षकों की सेवा फिर से बहाल की गई है। सभी शिक्षकों के दोबारा सर्टिफिकेट जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। सभी शिक्षकों को विद्यालय भेज दिया गया है।
23 जून को आहूत जिला शिक्षा स्थापना समिति द्वारा वर्ष 2015 में हुई शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया व प्रमाण पत्रों की गहन जांच के बाद जिले में फर्जी व गलत ढंग से बहाल 53 शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई थी। इसमें 26 शिक्षक गैर पारा वर्ग व 27 शिक्षक पारा वर्ग के हैं। गैर पारा वर्ग में 25 शिक्षक प्राथमिक शिक्षक के रूप में इंटर प्रशिक्षित शिक्षक पद पर नियुक्त हुए थे। वहीं एक शिक्षक को स्नातक प्रशिक्षित शिक्षक पद पर अपर प्राथमिक शिक्षक के रूप में नियुक्ति हुई थी। पारा वर्ग में 27 शिक्षक प्राथमिक शिक्षक नियुक्त हुए थे। इन सभी शिक्षकों का इंटरमीडिएट में न्यूनतम 45 प्रतिशत से कम अंक है, जबकि प्राथमिक शिक्षकों के लिए इंटर में न्यूनतम 45 प्रतिशत अंकों के साथ उत्तीर्ण होना जरूरी है।
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दोबारा जांच के बाद होगी कार्रवाई
जिला शिक्षा अधीक्षक फूलमनी खालखो ने बताया कि फर्जी व गलत ढंग से नियुक्त 53 शिक्षकों की सेवा को बहाल रखा गया है। शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया की दोबारा जांच के बाद गलत ढंग से नियुक्त शिक्षकों पर दोबारा कार्रवाई की जाएगी।
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एक सप्ताह में बदलना पड़ा फैसला
जिला शिक्षा स्थापना समिति के अनुमोदन पर जिला शिक्षा अधीक्षक द्वारा तीन जुलाई को 53 शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश जारी किया गया। इसके एक सप्ताह बाद समिति के अनुमोदन पर ही जिला शिक्षा अधीक्षक ने 10 जुलाई को सभी 53 शिक्षकों पर कार्रवाई स्थगित रखते हुए सेवा बहाल करने का आदेश जारी किया गया।
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इतनी बड़ी चूक कहां से हुई
शिक्षा विभाग ने जांच में पाया कि नियुक्त 53 शिक्षक फर्जी हैं। आखिर जांच में इतनी बड़ी चूक किससे हुई कि 53 शिक्षकों पर सेवा समाप्ति की कार्रवाई कर दी गई। इससे सभी 53 शिक्षकों का भविष्य अंधकारमय हो गया था। जिला शिक्षा विभाग 53 शिक्षकों की सेवा बहाल कर दोबारा जांच की बात कह रही है।
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चर्चा का माहौल गरम
पूरे जिले में शिक्षकों की सेवा बर्खास्तगी का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि इन शिक्षकों को दोबारा बहाल कर चर्चा का माहौल फिर गरमा गया। लोगों का कहना है कि गलत ढंग बहाल और कम योग्यता वाले शिक्षक स्कूलों में बच्चों को क्या पढ़ाएंगे। इसकी तह तक जांच जरूरी है।
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इन शिक्षकों पर हुई थी कार्रवाई
पारा वर्ग-जोगराम चांपिया, सुचिता कोनगाड़ी, सुषमा दोराई, शिवनाथ ¨सह मुंडा, रविन्द्र नाथ टुडू, शशि कंडुलना, दिवाकर सोरेन, शैलेश उरांव, सुबल चंद्र ¨सह, शेख मोहम्मद अली, प्रीतिलता हनापूर्ति, बहामुनी सुरेन, दीपा बलमुचु, डोली जामुदा, ¨सगराय मुर्मू, संजीव कुंभकार, निर्मल घोष, अनीता सिलबिया हेमरोम, रामकृष्ण मार्डी, सुनीता बारला, अंटोनी सोलेमन, सुरजमनी गागराई, ब्रह्मकेतु सरदार, भागीरथी मुंडा, रजनी त्रिपाठी, शुक्ला मंडल व रामकृष्ण गोराई
गैर पारा वर्ग-कल्याण कुमार, कार्तिक गोप, तारा शंकर दास, जयप्रकाश ¨सह मुंडा, सुखराम ¨सह मुंडा, रामचरण महतो, रामचरण गोराई, अर्जुन बाउरी, प्रदीप कुमार, मंजू गुंदुवा, पूनम बारला, रवि लाला मुर्मू, दिलीप गोराई, विपिन बिहारी महतो, गौरीशंकर महतो, दुलारी हांसदा, गुरुजन ¨सह, संदीप कुंडू, एमदादुल हक, इंद्रजीत महतो, मिली गण, रतन सरदार, राजेश किस्कू, मो. आरागेबुल इस्लाम, नीलांबर महांती व सरोज बेहरा।