पथ प्रमंडल विभाग पर बिना काम किए पैसा निकासी का आरोप
जागरण संवाददाता सरायकेला जन कल्याण मोर्चा ने उपायुक्त अरवा राजकमल को ज्ञापन सौंपकर टाट
जागरण संवाददाता, सरायकेला : जन कल्याण मोर्चा ने उपायुक्त अरवा राजकमल को ज्ञापन सौंपकर टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर गम्हरिया दुर्गा पूजा मैदान के समीप के नाले की सफाई एवं आदित्यपुर रेलवे टनल से होकर गुजरनेवाली सड़क के जीर्णोद्धार में फर्जीवाड़ा करते हुए साढ़े सात लाख रुपये की अवैध निकासी का आरोप पथ प्रमंडल विभाग के कार्यपालक, सहायक एवं कनीय अभियंता पर लगाया है।
गुरुवार को उपायुक्त को दिए ज्ञापन के माध्यम से मोर्चा के अध्यक्ष ओमप्रकाश ने पूरे मामले में गंभीर वित्तीय गड़बड़ी बताते हुए दोषी पदाधिकारियों एवं संवेदकों पर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने बताया कि टाटा-कांड्रा मुख्य मार्ग पर गम्हरिया दुर्गा पूजा मैदान के समीप नाले की सफाई के एवज में पांच लाख एवं आदित्यपुर रेलवे टनल के जीर्णोद्धार के एवज में ढाई लाख रुपये की अवैध निकासी का मामला संज्ञान में आया है, जिसकी जांच करते हुए दोषी पदाधिकारियों पर कार्रवाई की मांग के लिए उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा है। उन्होंने बताया, कि पूर्व में भी टाटा- कांड्रा मुख्य सड़क में हुए अनियमितता का मामला न्यायालय में विचाराधीन है। ऐसे में एक बार फिर से विभागीय पदाधिकारियों की मिलीभगत से सरकारी राशि की अवैध निकासी का मामला प्रकाश में आया है। 15 से 30 जुलाई 2021 के बीच राशि निकासी का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया, कि दोनों ही स्थलों पर जलजमाव की शिकायत मिलने पर तत्कालीन कार्यपालक अभियंता निर्मल कुमार द्वारा भौतिक सत्यापन करते हुए जेआरडीसीएल के प्रोजेक्ट डायरेक्टर को बुलाकर प्राथमिकता के आधार पर दोनों ही स्थलों को दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। उन्होंने बताया कि उक्त रेलवे के टनल के नीचे से बने सड़क पर बिछाए गए स्लैग को हटाकर मरम्मत कराने का निर्देश दिया गया था, लेकिन जेआरडीसीएल द्वारा कार्यपालक अभियंता के कहने पर थोड़ा बहुत काम कर छोड़ दिया गया। जिससे स्थिति और भी भयावह हो चली है। सड़क पर चलना दुश्वार हो गया है। आए दिन जाम की स्थिति बनी रहती है। यही स्थिति गम्हरिया दुर्गा पूजा मैदान के समीप नाले का भी है। वहां भी स्लैब को हटाकर पुन: वही स्लैब को रख दिया गया। साफ- सफाई के नाम पर महज खानापूर्ति कर दी गई। उन्होंने बताया कि विवेकाधीन मद से संवेदक को ढाई लाख रुपये का भुगतान भी कर दिया गया है। उन्होंने बताया कि यदि पथ निर्माण विभाग उक्त कार्य को कराता तो महज 20 से 25 हजार रुपये में दोनों काम संपादित हो सकते थे, लेकिन विभागीय मिलीभगत से बड़े मात्रा में सरकारी राशि का दोहन किया गया है। उपायुक्त ने मामले की जांच कराने का आश्वासन दिया है।