अनियंत्रित होकर बाइक सड़क के नीचे गिरी हादसे में एक युवक की मौत, दो की नाजुक
राजनगर में शनिवार का दिन हादसों भरा रहा। दो अलग-अलग सड़क हादसे में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दो युवक बुरी तरह घायल हो गए।
संवाद सूत्र, राजनगर : राजनगर में शनिवार का दिन हादसों भरा रहा। दो अलग-अलग सड़क हादसे में एक युवक की मौत और चार अन्य घायल हो गए।
पहली घटना सुबह नौ बजे के आसपास हुई। हाता-चाईबासा मुख्य मार्ग पर बलियासाई गांव के पास तेज रफ्तार से आ रही बाइक अनियंत्रित होकर सड़क के नीचे झाड़ियों में जा घुसी। बाइक पर तीन युवक सवार थे। इसमें एक युवक की मौत घटनास्थल पर ही हो गई जबकि दो की हालत नाजुक बनी है। हादसे में 30 वर्षीय ठाकुर सोरेन की मौत हो गई। वह पूर्वी ¨सहभूम के सुंदरनगर थाना क्षेत्र के पोंडेहासा गांव का रहने वाला था। दोनों घायलों को तुरंत राजनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद दोनों घायलों को एमजीएम रेफर कर दिया गया।
दो सगे भाइयों की हालत नाजुक
बाइक के पीछे बैठे दोनों युवक सागर तियु (26) तथा बबलू तियु (28) नांदूप गांव के रहने वाले हैं। दोनों सगे भाई हैं। इनके पिता का नाम दिलीप तियु है। दोनों भाइयों की स्थिति भी काफी नाजुक है। पुलिस ने दूरभाष पर परिजनों को सूचना दे दी है। इसके बाद परिजन राजनगर अस्पताल पहुंचे।
मृतक के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
इधर मृतक ठाकुर सोरेन के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल है। बताया जाता है कि ठाकुर सोरेन शादीशुदा था। उसे एक लड़की भी है। जानकारी के अनुसार तीनों दोस्त ठाकुर सोरेन, बबलू तियु और सागर तियु बाइक से राजनगर किसी काम से आ रहे थे। बाइक की गति काफी तेज थी। इससे अनियंत्रित होकर सड़क किनारे जा गिरी। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए सरायकेला भेज दिया है।
खोकरो पुलिया के पास घटी दूसरी घटना
दूसरी घटना ठीक एक घंटे बाद मुख्य मार्ग के खोकरो पुलिया के पास घटी। इसमें बाइक और हाइवा के बीच सीधी भिड़ंत हो गई। घटना में बाइक सवार दो युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों को हेंसल स्थित एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। इसके बाद उन्हें भी रेफर कर दिया गया। इनदोनों की भी हालत नाजुक बताई जा रही है।
कइयों को निगल चुकी यह सड़क
कोल्हान प्रमंडल के टाटा-चाईबासा मार्ग खूनी सड़क में बदल चुकी है। हाता से चाईबासा के बीच इस सड़क से गुजरने वाले लोग आए दिन मौत के मुंह में समा रहे हैं। इस सड़क पर दुर्घटना आम बात हो गई है। यहां अधिकतर भारी वाहनों का परिचालन होता है। सड़क चकाचक होने के कारण वाहन सरपट दौड़ती हैं। रफ्तार ही सबसे ज्यादा लोगों को मौत के मुंह में धकेल रही है। प्रशासन की तरफ से दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कोई उपाय नहीं किए जाते हैं। सड़क पर गाड़ियों की रफ्तार की कोई सीमा निर्धारित नहीं है।