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भाई-बहन संग मौसीबाड़ी जाएंगे प्रभु जगन्नाथ

संवाद सूत्र,खरसावा: प्रभु जगन्नाथ शनिवार को नौ दिनों के लिए अपने मौसी के घर श्रीगुंडिचा मंदिर

By JagranEdited By: Published: Fri, 13 Jul 2018 05:43 PM (IST)Updated: Fri, 13 Jul 2018 05:43 PM (IST)
भाई-बहन संग मौसीबाड़ी जाएंगे प्रभु जगन्नाथ
भाई-बहन संग मौसीबाड़ी जाएंगे प्रभु जगन्नाथ

संवाद सूत्र,खरसावा: प्रभु जगन्नाथ शनिवार को नौ दिनों के लिए अपने मौसी के घर श्रीगुंडिचा मंदिर जाएंगे। मान्यता है कि नौ जून को स्नान पूर्णिमा के दिन 108 कलश पानी से स्नान करने के बाद प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा बीमार पड़ जाते हैं। 15 दिनों तक मंदिर के अणसर गृह में उनका इलाज चलता है और नेत्र उत्सव के दिन पूरी तरह से स्वस्थ होते है। मान्यता है कि नेत्र उत्सव के दिन प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व देवी सुभद्रा को अपने मौसीबाड़ी से निमंत्रण मिलता है और वे मौसी घर जानें की तैयारी करते है। रथ यात्रा के दिन प्रभु जगन्नाथ, बलभद्र व सुभद्रा अपने मौसी घर जाएंगे।

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नेत्र उत्सव पूजा के साथ ही रथ यात्रा उत्सव की शुरुआत मानी जाती है। रथ यात्रा पहला मौका होता है प्रभु भक्तों को दर्शन देने के लिए मंदिर से बाहर निकलते हैं। मान्यता है कि रथ पर प्रभु के दर्शन मात्र से ही सभी पापों से मुक्ति मिलती है। मालूम हो कि सरायकेला- खरसावा जिला में रथ यात्रा उत्सव काफी लोकप्रिय है। प्रभु जगन्नाथ को इस कलयुग में जगत के पालन कर्ता श्री हरि विष्णु का अवतार माना जाता है। जिला के शत प्रतिशत घरों में प्रभु जगन्नाथ के भक्त है तथा घरों में भी पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा रथ यात्रा भी करीब ढ़ाई सौ साल पुरानी है। रथ यात्रा आज भी 250 साल पुरानी परंपरा के अनुसार चली आ रही है।


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