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आवाज बुलंद करोगे तभी अधिकार मिलेंगे

संवाद सूत्र, राजनगर : साप्ताहिक हाट मैदान राजनगर में रविवार को झारखंड प्रदेश रसोइया एवं

By JagranEdited By: Published: Sun, 19 Aug 2018 06:48 PM (IST)Updated: Sun, 19 Aug 2018 06:48 PM (IST)
आवाज बुलंद करोगे तभी अधिकार मिलेंगे

संवाद सूत्र, राजनगर : साप्ताहिक हाट मैदान राजनगर में रविवार को झारखंड प्रदेश रसोइया एवं संयोजिका संघ की बैठक रामप्यारी ठेटारी की अध्यक्षता में हुई। इसमें संघ के संरक्षक व प्रखंड प्रमुख सह आदिवासी कांग्रेस के जिला चेयरमैन विशु हेम्ब्रम भी उपस्थित थे। बैठक में रसोइमाता एवं संयोजिका की समस्याओं पर विचार विमर्श किया गया।

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संरक्षक विशु हेम्ब्रम ने सरकार के स्कूल विलय नीति का कड़ा विरोध किया। विशु हेम्ब्रम ने कहा कि सरकार के इस नीति से कई विद्यालयों में कार्यरत रसोइमाता एवं संयोजिका के समक्ष रोजी रोटी की संकट हो गई है। स्कूलों में कार्यरत रसोईमाता एवं संयोजिका अधिकांश गरीब परिवार की है। विद्यालय बंद होने से बच्चे अब दूर के दूसरे स्कूलों में जाना नहीं चाह रहे हैं। विशु ने भाजपा सरकार पर आदिवासियों को अनपढ़ ही बनाए रखने का आरोप लगाया। उन्होंने महिलाओं से कहा कि अपनी आवाज बुलंद करोगे तभी अधिकार मिलेंगे। अधिकार पाने के लिए आवाज बुलंद करनी होगी।

उन्होंने कहा कि विलय नीति के तहत अधिकतर आदिवासी बहुल गांव के स्कूलों को बंद कर दिया गया। सरकार की मंशा है कि आदिवासियों को गरीब और अनपढ़ ही बनाकर रखी जाए ताकि उनकी जमीन को आसानी से लूटा जा सके। विशु ने कहा कि कांग्रेस के जमाने में आदिवासी मूलवासियों को शिक्षित करने के लिए गांव गांव में स्कूल खोले गए। परंतु भाजपा सरकार ठीक इसके उलट काम कर रही है। आदिवासियों-मूलवासियों को अशिक्षा के गर्त में धकेलने का काम कर रही है। श्री हेम्ब्रम ने कहा कि यह नाइंसाफी बर्दाश्त नहीं की जाएगी। अत्याचार एवं जुल्म के खिलाफ बाबा तिलका माझी, सिदो कान्हू, चांद भैरव, डिबा-किशुन एवं बिरसा मुंडा जैसे आदिवासी वीरों ने लड़ाई लड़ी और जमीन बचाकर हक व अधिकार प्राप्त किया। इसी प्रकार रसोइमाता एवं संयोजिका अपने हक व अधिकार की लड़ाई लड़ेंगे चाहे कोई भी कुर्बानी क्यों न देनी पड़े। विशु ने रघुवर सरकार से बंद स्कूलों को दुबारा चालू करने, कार्यरत रसोईमाता एवं संयोजिका को विलय स्कूलों में समायोजित करने, रसोइमाताओं को पांच हजार रुपये मानदेय देने एवं संयोजिका को भी रसोइमाता की तरह मानदेय देने की मांग की। इस मौके पर ऊषा महतो, राधारानी दास, सुनीता देवी, बेबोती महतो, सरोजमानी टुडू, सालगे हेम्ब्रम, पद्मा प्रधान, रीना प्रधान, पूरवो देवी, नमिता गोप, पुष्पा देवी, बेबी महतो, पानी सोरेन, सींगों मुर्मू, अशोका भगत, शकुंतला देवी, हेमंती महतो, सारोला महतो, छूटनी महतो, मकरेश्वरी महतो, समी किस्कु, सोनामाई टुडु, रावदें मुर्मू आदि उपस्थित थे।


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