बिन मौसम बारिश, किसानों की मुसीबत
बिन मौसम बारिश ने किसानों की मुश््िकलें बढ़ा दी है।
जागरण संवाददाता, सरायकेला : चक्रवाती तूफान का प्रभाव भले ही जिले में ज्यादा न देखने को मिला हो, मगर तेज हवा एवं बारिश ने किसानों की कमर तोड़कर रख दी है। सरायकेला इलाके में दो दिनों से लगातार पेंथाई तूफान के प्रभाव से बारिश हो रही है। लगातार रिमझिम बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है। खासकर किसानों को काफी नुकसान हुआ है। धान की फसल पककर खेतों में तैयार है। बहुत किसानों ने खेत में धान काटकर रखे हैं। उसके ऊपर बारिश का पानी बह रहा है। फसल बर्बाद होने से किसानों को काफी क्षति हुई है। सबसे ज्यादा नुकसान ईचागढ़ में हुआ है। इसमें रुचाप, रसुनिया, पाटा डाउन, रुदिया, भादुड़ी, शहर बेड़ा, चिलगु, आसनबनी, पातकुम, सोडो सितु, दुमताड़, मिलनचौक, तिरुलडीह आदि गांवों में सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है। बिन मौसम बरसात से किसानों की मुसीबत बढ़ गई है। इसके अलावा सब्जी फसल को भी भारी नुकसान बिन मौसम बारिश के चलते हुआ है। किसानों ने सरकार से मुआवजे की मांग की है।
तापमान में काफी गिरावट
वहीं दूसरी तरफ चक्रवाती तूफान के चलते हुई बारिश एवं तेज हवा के बाद अचानक तापमान में भारी गिरावट दर्ज की गई। इससे ठंड ने भी पूरजोर तरीके से दस्तक दे दी है। सरायकेला में पिछले दो दिनों से लोगों ने सूर्य का दर्शन नहीं किया है। आज सुबह से ही रुक-रुककर रिमझिम बारिश के साथ ठंड हवाओं ने लोगों को ठंड का अहसास करा दिया। आलम यह है कि लोग घर में दुबकने को मजबूर हो गए हैं। खासकर ग्रामीण इलाकों में स्थिति और खराब है। सुबह से लेकर दोपहर तक लोग अपने घरों के बाहर अलाव जलाकर बैठे नजर आए। मौसम विभाग की माने तो यह स्थिति अभी एक दिन और रहेगी।
ईचागढ़ और सरायकेला में सर्वाधिक बारिश
बारिश का सबसे अधिक असर ईचागढ़ व सरायकेला में हुआ है। जिला के वर्षापात के आंकड़ों को देखा जाय तो दो दिनों सोमवार को 53.53.8 मिली व बुधवार को 317.2 मिली बारिश हुई है। बुधवार को जिला के आंकड़ों को देखा जाय तो सरायकेला में 58.4 मिली, खरसावां में 51 मिली, कुचाई में 54.2 मिली, गम्हरिया में 24.8 मिली, राजनगर में 20 मिली, चांडिल 5.4 मिली, ईचागढ में 58.2 मिली, कुकड़ू 45.2 मिली बारिश हुई है।