नहीं चलेगी महिला प्रतिनिधियों के पति की दखलंदाजी
-पंचायत के निर्णयों में हस्तक्षेप नहीं करेंगे महिला पंचायत प्रतिनिधियों के पति -अभिलेख एवं कागजात
लखिंद्र नायक, खरसावा : पंचायत स्तर पर आयोजित होने वाली बैठक या सरकारी कार्यो में निर्वाचित महिला जनप्रतिनिधि के स्थान पर उनके पति या किसी और का हस्तक्षेप अब नहीं चलेगा। पंचायत के निर्णयों में महिला पंचायत प्रतिनिधियों के पति या कोई और हस्तक्षेप नहीं करेंगे, बल्कि महिला पंचायत प्रतिनिधि के पति पंचायत या ग्राम सभा की बैठकों में बतौर ग्राम सभा सदस्य के रूप में उपस्थित हो सकेंगे। महिला पंचायत प्रतिनिधियों को विभागीय व सरकारी कार्य स्वयं करना होगा। पंचायतीराज विभाग के विशेष सचिव शिवेंद्र सिंह ने उप विकास आयुक्तों को पत्र लिख कर इन निर्देशों का सख्ती से अनुपालन कराने को कहा है।
पंचायतीराज विभाग के विशेष सचिव शिवेंद्र सिंह ने विभाग के सचिव राजीव अरुण एक्का द्वारा जारी निर्देशों का हवाला देते हुए डीडीसी को पत्र लिखकर जिला परिषद व पंचायत समिति में इसे पालन कराने को कहा है। पत्र में कहा गया है कि राज्य में त्रिस्तरीय पंचायत गठन के पश्चात 50 फीसद से अधिक पदों पर महिलाएं निर्वाचित हो कर पदासीन हुई हैं। कुछ जिलों में ऐसी सूचना मिल रही है कि महिला पंचायत पदधारकों के पति सरकारी कार्य में दखलंदाजी करते हैं और पंचायत के निर्णयों में हस्तक्षेप करते हैं। इसके अलावा पंचायत के कार्य घर में संपादित किये जाते हैं जो कि नियमानुकूल नहीं है। पत्र में कहा गया है कि इस तरह के कार्य से सरकारी कार्य में बाधा उत्पन्न होती है। पंचायत व ग्राम सभा आदि की बैठक पदधारक द्वारा ही आयोजित की जाएगी तथा ऐसे पदधारक के पति ग्राम सभा सदस्य के हैसियत से उस सभा में उपस्थित हो सकते हैं। महिला पदधारकों को पत्र, नियम कानून, अभिलेख लिखवाने, समझाने व महत्वपूर्ण बातों की जानकारी पंचायत सचिव एवं पंचायत स्तर पर कार्यरत अन्य सरकारी कर्मी द्वारा देने की व्यवस्था सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। पंचायत स्तर के सभी अभिलेख एवं कागजात पंचायत सचिव अपने अधिकार में निर्धारित पंचायत भवन में ही सुरक्षित रखेंगे। बीडीओ व प्रखंड स्तर के अन्य विभिन्न विभागीय कर्मी, अभियंता को दायित्व दिया गया है कि वे ऐसे महिला जनप्रतिनिधियों को आवश्यक जानकारियां उपलब्ध कराएं और आवश्यकतानुसार उन्हें सहयोग प्रदान करें। जिले के डीडीसी को इन आदेशों का अनुपालन कराने की जिम्मेवारी दी गयी है। इस पत्र की प्रतिलिपि जिले के सभी महिला पंचायत प्रतिनिधियों को भेज दी गयी है।