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मानदेय रोके जाने से पारा शिक्षकों में आक्रोश

प्रमाण पत्र जांच के नाम पर पारा शिक्षकों का मानदेय एक बार फिर रोक दिया गया है।

By JagranEdited By: Published: Tue, 01 Oct 2019 06:48 PM (IST)Updated: Thu, 03 Oct 2019 06:31 AM (IST)
मानदेय रोके जाने से पारा शिक्षकों में आक्रोश
मानदेय रोके जाने से पारा शिक्षकों में आक्रोश

जागरण संवाददाता, सरायकेला : पारा शिक्षकों के प्रमाण-पत्र जांच के नाम पर कई प्रखंडों के पारा शिक्षकों का मानदेय रोक दिया गया है। इससे पारा शिक्षकों में आक्रोश है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा सरायकेला-खरसावां जिला इकाई का एक प्रतिनिधिमंडल जिलाध्यक्ष सोनू सरदार के नेतृत्व में मंगलवार को जिला शिक्षा अधीक्षक को वस्तुस्थिति की जानकारी दी। जिला अध्यक्ष सोनू सरदार ने बताया कि इस क्रम में पता चला कि डीएसई के उक्त मानदेय स्थगन पत्र में जिन पारा शिक्षकों के नाम हैं उनमें से 95 फीसद पारा शिक्षकों के शैक्षणिक प्रमाण-पत्रों की जांच 2015 में तत्कालीन जांच पदाधिकारी बसंत महतो के हाथों संपादित होकर सही पाई गई है। वर्तमान जांच पदाधिकारी आनंद कुमार टूटी की लापरवाही से जांच का पूरा ब्यौरा फाइलों में ही बंद है। स्थिति स्पष्ट होने पर वर्तमान जांच पदाधिकारी आनंद टूटी ने खेद प्रकट करते हुए कहा कि यह मानवीय भूल है। इस पर जिलाध्यक्ष ने कड़ी चेतावनी देते हुए कहा कि आनंद टूटी को बरखास्त कर तत्काल मानदेय स्थगन पत्र को निरस्त करते हुए पारा शिक्षकों का भुगतान जारी नहीं किया गया तो अभी से पारा शिक्षक डीएसई कार्यालय के गेट पर ही धरने पर बैठेंगे। साथ ही मामले की शिकायत उपायुक्त एवं शिक्षा मंत्री से भी की जाएगी। जिला अध्यक्ष सरदार ने कहा कि दुर्गा पूजा नजदीक है। विभाग गैरवाजिब तरीके से मानदेय स्थगित कर पारा शिक्षकों को प्रताड़ित कर रहा है। जिले के पारा शिक्षक इसे कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे। आनंद टूटी ने जिलाध्यक्ष सरदार को दूरभाष पर डीएसई से बात कराई। डीएसई ने आश्वस्त करते हुए कहा कि पूर्व जांच पदाधिकारी महतो को ही टूटी की जगह पर जांच का प्रभार सौंप कर तीन-चार दिनों में संशोधित सूची जारी कर दी जाएगी। किसी भी पारा शिक्षक का मानदेय नहीं रुकेगा। मौके पर जिला उपाध्यक्ष ब्रजेन्द्र सिंहदेव, राजाराम महतो, मनोज राउत, बादल सरदार, प्रभा मंडल, धीरज सिंह, सोमेश दास, गुरुप्रसाद महतो, ईश्वर महतो, शंकर महतो, मनोज महतो, ज्योति प्रभा कंडुलना, सोना किस्कू, मनसा मुर्मू, रामचंद्र महतो, मुनीराम मांझी, सुमनधीर सामंत, सामंत दास, रंजीता ज्योतिषी, मीनू महतो, पुष्पा महतो, गौतम मोहंती, प्रकाश टुडू सहित जिले के सैकड़ों पारा शिक्षक-शिक्षिकाएं शामिल थीं।

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